योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग पूरी करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। योगी कैबिनेट ने एक अहम फैसले में उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का विकल्प देने का प्रस्ताव मंजूर किया है, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) लागू होने से पहले के विज्ञापनों के तहत हुई थी। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पारित हुआ।
कौन-कौन होगा लाभान्वित?
इस निर्णय के तहत ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 या उसके बाद हुई है, और जिनकी भर्ती के विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित हो चुके थे, वे पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के कार्मिक, परिषदीय विद्यालयों के कर्मचारी, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कर्मचारी, और राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी शामिल होंगे।
चुनावी समीकरण
योगी सरकार का यह फैसला राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनावों में विपक्ष को मिली सफलता और आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही थी, और भाजपा को पिछले चुनावों में कर्मचारियों का पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया था।
विद्युत निरीक्षकों के लिए नई नियमावली
प्रदेश कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षकों की अहर्ताएं, शक्तियां और कृत्य नियमावली-2024 को लागू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। यह पहली बार है जब यूपी में इसके लिए नियमावली बनाई गई है। इससे विद्युत सुरक्षा निदेशालय से जुड़े मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षकों की योग्यता, शक्तियां और कार्य नियमावली के दायरे में आ जाएंगे।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण के अनुसार, इस नियमावली से उपभोक्ताओं को लाभ होगा और विद्युत निरीक्षकों द्वारा कार्य नियमावली के तहत ही किए जाएंगे। कामर्शियल विद्युत कनेक्शन लेने की प्रक्रिया में विद्युत सुरक्षा निदेशालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य होता है, जिसे मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षक जारी करते हैं।
इस प्रकार, यूपी सरकार के ये दोनों फैसले राज्य के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के लिए बड़े राहत भरे कदम साबित होंगे।