साइबरसिटी कहे जाने वाले गुड़गांव के प्राइवेट अस्पताल का फर्जीवाड़ा सामने आया है अस्पताल ने फर्जीवाड़ा कर मरीज के घरवालों से मनमाने दाम वसूलने का मामला सामने आया है. इस फर्जीवाड़े की पोल उस वक्त खोली जाओ अस्पताल के प्रबंधन ने मरीज के घरवालों से बिल जमा कराया अस्पताल वालों ने मरीज की घरवाली को जो दवा का बिल दिया जिस दिन मरीज भर्ती हुआ था.

उस से 1 दिन पहले का भी बिल मरीज के परिजनों से ले लिया अब मरीज के परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कराया
सतपाल यादव ने बताया क्यों उनके साले गौरव कुमार की तबीयत खराब हो गई थी. तो हमने अस्पताल में 5 मई को भर्ती कराया मेरे साले को कोविड-19 में बिना वेंटीलेटर के भर्ती किया गया था बता दे सरकार के आदेश के अनुसार आईसीयू का बिल ₹8000 प्रतिदिन के अनुसार ऑक्सीजन समेत बनाया जाना था.

लेकिन अस्पताल के लोगों ने अपनी मनमानी की जब परिजनों को बेल मिला तो उसमें ₹6000 प्रतिदिन ऑक्सीजन के अलग से चार्ज किए गए .गौरव को 5 मई से 10 मई तक सत्ता में भर्ती किया गया था. और घरवालों को जो बिल मिला उस दिन में 4 मई की भी दवा और पूरा बिल जोड़ा गया है इससे साफ जाहिर होता है कि अस्पताल पूरी तरीके अपनी मनमानी कर के लोगों से पैसे लूटने में लगा है ऐसा प्राइवेट अस्पताल का फर्जीवाड़ा सिर्फ गुरुग्राम में नहीं देश के हर बड़े शहर होता है ना जाने कितने परिवार को प्राइवेट अस्पताल का फर्जीवाड़ा करके मरीज के परिवार वालो को लूटा जाता है.