लोकसभा चुनाव के बिगुल बजते ही चंडीगढ़ के राजनीतिक मैदान में उत्साह उफान पर है। लेकिन कांग्रेस के शासकीय विचारधारा में गहराई से आई बगावत के सिग्नलों ने दल को हिला दिया है।
प्रदेश सचिव का इस्तीफा: बगावत का पहला प्रहार
पवन बंसल की जगह प्रत्याशी घोषित करने के बाद, प्रदेश सचिव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उन्होंने जाहिर किया कि वे पवन बंसल के समर्थन में हैं, और बाहरी प्रत्याशी को मंजूरी नहीं देंगे।
उपाध्यक्ष को भी नोटिस: बगावत के परिणाम
बगावत के बाद, कांग्रेस के उपाध्यक्ष हाफिज अनवर उल हक को भी नोटिस जारी किया गया है। उन्हें भी पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया गया है। इस संदर्भ में प्रदेशाध्यक्ष लक्की के साथ हुई बहस के बाद यह कदम उठाया गया है।
भविष्य की चिंता: क्या होगा अगला कदम?
इस बगावत के बाद, कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, और भी कई नेताओं के इस्तीफे का खतरा है। मनीष तिवारी को प्रत्याशी घोषित करने से नाराज चल रहे हैं, जिन्हें लगातार उम्मीदवार बदलने की मांग है। इस संदर्भ में, कांग्रेस की चुनौतीओं का सामना करने के लिए उनकी नेता पर्याप्त रणनीतिक चतुराई की आवश्यकता है।