चंडीगढ़ में मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट को अब फिर से जमीन की कमी से रोका गया है। प्रशासन के तरफ़ से बार-बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद, पंजाब सरकार ने मेट्रो डिपो के लिए आवश्यक जमीन नहीं दी है, जिसके कारण प्रोजेक्ट की तेजी से पूर्ति में अटक आई है।
पिछली कोशिशें और विवाद
पहले सुल्तानपुर गांव में जमीन देने की योजना बनाई गई थी, लेकिन पंजाब सरकार ने इसे मना कर दिया। इसके बाद परोल गांव में जमीन देने की सोच रखी गई, लेकिन वहां पर लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट के तहत अटक आई है।
मेट्रो प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण जानकारी
प्रोजेक्ट की लागत: 10 हजार करोड़ रुपये
डीपीआर की तैयारी: मार्च तक हो जानी थी, लेकिन जमीन की कमी के कारण अब यह काम रुका हुआ है।
केंद्र सरकार की सलाह: एलिवेटेड ट्रैक का विकल्प
15 जनवरी को नई दिल्ली में हुई एक बैठक में, यूटी प्रशासन के अधिकारियों को टू कोच मेट्रो चलाने का सुझाव दिया गया है। हेरिटेज स्टेट के कारण अंडरग्राउंड ट्रैक निर्माण पर सवाल उठा है, इसलिए केंद्र सरकार ने एलिवेटेड ट्रैक का विकल्प सोचा है।
रिपोर्ट की मांग
चंडीगढ़ प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें एलिवेटेड ट्रैक बनाने का पत्र जारी किया गया है, क्योंकि अंडरग्राउंड ट्रैक निर्माण पर एलिवेटेड ट्रैक के मुकाबले अधिक खर्च होगा।