हरियाणा के सरकारी स्कूलों में एक नई पहल के तहत प्राकृतिक संपन्नता को बढ़ावा देने का एक नया मंच उत्पन्न हो रहा है। स्कूली बच्चों को प्राकृतिक रूप से जोड़ने के लिए, सरकारी स्कूलों के प्रांगण में हर्बल पार्क का निर्माण किया जा रहा है, जो औषधीय पौधों की सुगंध से युगलों को आकर्षित करेगा।
पौधों की विविधता:
यह हर्बल पार्क अनेक प्रकार के पौधों को पेश करेगा, जैसे कि तुलसी, आंवला, अश्वगंधा, सतावरी, गुडमर, गुग्गल, कलीहरी, पीपली, गंधा, पिपरमिंट, चित्रक, नीम, नागेश्वर, आदि। ये पौधे विभिन्न रोगों के इलाज में उपयोगी होते हैं और बच्चों को उनकी महत्ता के बारे में जागरूक करेंगे।
वित्तीय सहायता:
स्कूलों को हर्बल पार्क की स्थापना के लिए आयुष विभाग की तरफ से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इसके तहत, प्रति स्कूल 25 हजार रुपये की दर पर 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्र में हर्बल पार्क की स्थापना की जाएगी।
शिक्षा में सहयोग:
यह पहले से ही शिक्षा मंत्रालय की नजर में है कि हर्बल पार्क के देखभाल में छात्रों और अध्यापकों को सहयोग करना होगा। बच्चों को पौधों की देखभाल में शामिल किया जाएगा, जिससे उनके ज्ञान और संवेदनशीलता में वृद्धि होगी।