हरियाणा सरकार ने हुक्का बारों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा विधानसभा में एक विधेयक पेश किया, जो सोमवार को पास हो गया। इस विधेयक के अनुसार, हुक्का परोसने और भोजनालयों सहित किसी भी स्थान पर हुक्का बार खोलने या संचालित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कठोर कार्रवाई का वादा
सरकार ने इसे गैर जमानती श्रेणी में रखा है और किसी भी अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई का वादा किया है। विधेयक के अनुसार, होटल और रेस्तरां में हुक्का परोसने पर मालिक को 5 साल की सजा और 5 से 10 हजार रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
धुएं की समस्या पर ध्यान
सरकार ने बताया कि हुक्का बारों में जड़ी-बूटियों के नाम पर तंबाकू युक्त निकोटीन के साथ प्रतिबंधित दवाएं परोसी जाती हैं, जो धुएं और पानी के जरिए लोगों के शरीर में पहुंचती हैं। इसका धुआं न केवल धूम्रपान करने वालों को बल्कि आसपास के लोगों को भी प्रभावित करता है।
पारंपरिक हुक्के का आनंद
हरियाणा सरकार ने आम तौर पर गाँवों और चौपालों पर पारंपरिक हुक्के के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, जिससे राज्य के बुजुर्ग चौपड़ पर देसी हुक्के का आनंद लेते हुए देश-प्रदेश और सामाजिक चर्चाओं में हिस्सा ले सकते हैं।