हरियाणा में हो रही है रेगुलराइजेशन पॉलिसी के मंथन पर चर्चा, ग्रुप B, C, D के अस्थाई कर्मचारियों के डाटा की हुई माँग


हरियाणा सरकार द्वारा रेगुलराइजेशन पालिसी पर मंथन किया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार ने इस पालिसी के प्रस्ताव को विचाराधीन घोषित किया था। सरकार ने हाईकोर्ट से समय की मांग की है और अस्थायी कर्मचारियों के डाटा की मांग की है।

मुख्य सचिव की निर्देशिका:
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, निगमों के प्रबंध निदेशकों, और अन्य अधिकारियों को डाटा भेजने के लिए निर्देशित किया है। इसके लिए सरकार ने 3 कैटेगरीयों का विभाजन किया है।

तीनों कैटेगरीयों का विवरण:

10 साल से अधिक: यहाँ शामिल हैं वे कर्मचारी जो 10 साल से अधिक समय से सरकारी सेवा में हैं।
7 से 10 साल: इस कैटेगरी में वह कर्मचारी आते हैं जो 7 से 10 साल की समय सीमा के बीच सेवा कर चुके हैं।
5 से 7 साल: यहाँ शामिल हैं वे कर्मचारी जो 5 से 7 साल के बीच सरकारी सेवा में हैं।
इसके अलावा, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट 1, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट 2 और हारट्रोन, आईटी या अन्य पालिसियों में शामिल नहीं होने वाले कर्मचारियों की जानकारी भेजने का भी निर्देश दिया गया है।