हरियाणा के प्राइवेट अस्पतालों ने अब आयुष्मान और चिरायु कार्ड के लिए इलाज नहीं करने का फैसला किया है। इस निर्धारण की मुख्य वजह है बकाया राशि के मुद्दे पर सरकार और अस्पतालों के बीच खिचड़ी।
अस्पतालों की मांग: 300 करोड़ रुपये बकाया
प्राइवेट अस्पतालों ने सरकार से लगभग 300 करोड़ रुपये के बकाया होने के कारण ऐसा कदम उठाया है। इस बकाया को चुकाने के लिए अस्पतालों ने आयुष्मान और चिरायु कार्ड सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।
आयुष्मान और चिरायु कार्ड का लाभ: तकनीकी समस्या बनी कारण
हरियाणा में लगभग 10 लाख लोगों ने चिरायु या आयुष्मान कार्ड का लाभ उठाया है, जिससे वे 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन अस्पतालों की ओर से चिरायु और आयुष्मान कार्ड की सेवाओं में तकनीकी समस्या का सामना किया जा रहा है, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है।
योजना के लिए विस्तार: अधिक आय परिवारों को भी लाभ
चिरायु-आयुष्मान भारत योजना का लाभ उन परिवारों को मिल रहा है, जिनकी आय 1.80 लाख रुपये तक है। हरियाणा सरकार ने इस योजना को विस्तारित करने का निर्णय लिया है, ताकि जो लोग सालाना 3 लाख से 6 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिल सके।