गुरुग्राम से झज्जर तक मेट्रो कनेक्टिविटी: ये स्टेशन होंगे शामिल।

मुख्य बिंदु:

  • दो मेट्रो रूट्स पर किया जाएगा सर्वे, जिससे तय होगा कि एम्स को किस मेट्रो मार्ग से जोड़ा जाए।
  • सर्वे के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी।
  • सड़क मार्ग की स्थिति और ट्रैफिक समस्या के कारण मरीजों को हो रही है असुविधा।
  • मेट्रो के विस्तार से न केवल मरीजों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि ट्रैफिक की समस्या भी कम होगी।

1. एम्स मेट्रो परियोजना: मरीजों के लिए महत्वपूर्ण कदम

दिल्ली स्थित एम्स को मेट्रो से जोड़ने के लिए एक सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसमें दो मेट्रो रूट्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सर्वे का उद्देश्य यह तय करना है कि मरीजों के लिए कौन सा मेट्रो मार्ग सबसे सुविधाजनक रहेगा। सर्वे के परिणाम के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी, जिससे इस महत्वाकांक्षी योजना पर आगे काम किया जा सके।

2. सड़क मार्ग की हालत: गुरुग्राम से झज्जर तक बड़ी चुनौती

गुरुग्राम और झज्जर के बीच सड़क मार्ग की स्थिति बेहद खराब है। द्वारका एक्सप्रेसवे के पास मार्ग संकरा हो जाने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है, खासकर सुबह और शाम के समय। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने इस समस्या को हल करने के लिए एक नया रोड बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों की ज्यादा कीमत की मांग के कारण यह परियोजना अभी तक अटका हुआ है।

3. परिवहन की समस्या: राज्य रोडवेज और बस सेवा की कमी

गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक पहुंचने वाले मरीजों को भारी परिवहन असुविधा का सामना करना पड़ता है। हरियाणा रोडवेज और सिटी बस सेवाओं की कमी के कारण मरीजों को निजी वाहनों, बसों और ऑटो में सफर करना पड़ता है, जो समय और ऊर्जा की बर्बादी का कारण बनता है। इसके अलावा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आने वाले मरीजों के लिए कोई उचित परिवहन सेवा नहीं है।

4. मेट्रो विस्तार से मिलेगा राहत: मरीजों के लिए बेहतर विकल्प

दिल्ली से बाड़सा तक बस सेवा उपलब्ध है, लेकिन अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों के लिए यह सेवा नहीं है। ऐसे में, मेट्रो का विस्तार न केवल मरीजों के लिए यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं में भी कमी आएगी। मेट्रो की सुविधा से मरीजों को सुरक्षित, आरामदायक और समय की बचत होती यात्रा का अनुभव मिलेगा।

5. सर्वे रिपोर्ट: जनवरी तक आएगी प्रमुख जानकारी

सूत्रों के अनुसार, सर्वे की रिपोर्ट जनवरी के अंत तक एचएमआरटीसी के पास पहुंच जाएगी। द्वारका एक्सप्रेसवे के सेक्टर-101 से एम्स, झज्जर की दूरी करीब 14 किलोमीटर है, जबकि दिल्ली के ढांसा मेट्रो स्टेशन से यह दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। मेट्रो के विस्तार से मरीजों को अधिक सुविधाजनक यात्रा मिलेगी और ट्रैफिक की समस्या में सुधार होगा।