दिल्ली सरकार ने 29 अगस्त को आगामी सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक्सपर्ट्स के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में सर्दियों के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई अहम सुझाव सामने आए, जिनमें आर्टिफिशियल बारिश कराने और वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने जैसे उपाय शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने की, जिसमें पर्यावरण विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भाग लिया।
साफ हवा के दिनों में वृद्धि
गोपाल राय ने जानकारी दी कि 2016 में दिल्ली में साफ हवा वाले दिनों की संख्या 110 थी, जो 2023 में बढ़कर 206 दिन हो गई है। यह सुधार तब हुआ है जब कंस्ट्रक्शन वर्क और वाहनों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
विंटर एक्शन प्लान के लिए एक्सपर्ट्स के सुझाव
बैठक के दौरान विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जो इस प्रकार हैं:
- ज़ीरो कार्बन कैंपेन: दुनिया भर में ज़ीरो कार्बन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने लोगों की आदतों में बदलाव लाने के लिए एक विशेष कैंपेन चलाने की सलाह दी है।
- वर्क फ्रॉम होम: वर्तमान में वर्क फ्रॉम होम तब लागू किया जाता है जब AQI गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसे पहले से ही लागू किया जा सकता है और इसके लिए सभी विभागों को प्लान बनाने की आवश्यकता है।
- व्हीकल रेस्ट्रिक्शन: अगर ऑड-इवन योजना लागू नहीं होती है, तो मैक्सिको की तरह वालेंटरी व्हीकल रेस्ट्रिक्शन लागू किया जा सकता है। इसमें चालान का प्रतिबंध नहीं होगा।
- आर्टिफिशियल बारिश: सर्दियों के मौसम में प्रदूषण बढ़ने पर 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच आर्टिफिशियल बारिश कराने की प्रक्रिया समय से पहले शुरू कर देनी चाहिए।
- बायोमास कंट्रोल: बायोमास जलाने को नियंत्रित करने के लिए CSR फंड का उपयोग कर सिक्योरिटी गार्ड्स को हीटर मुहैया कराया जाए।
- ऑफिस टाइमिंग में बदलाव: विशेषज्ञों ने कार्यालयों की समय-सारणी में बदलाव करने का सुझाव दिया है, ताकि ऑफिस टाइम के दौरान ट्रैफिक जाम और उससे होने वाले वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।
दिल्ली सरकार की यह पहल सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे नागरिकों को साफ और स्वस्थ वायु में सांस लेने का अवसर मिल सकेगा।