क्या होता है गाडी़ में टोटल और कंस्ट्रक्टिव नुकसान? जानिए किस नुकसान पर बीमा कंपनी द्वारा मिलता है सारा पैसा

कार इंश्योरेंस में नुकसान को दो श्रेणियों में बांटा गया है: टोटल लॉस और कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस (CTL)। ये दोनों ही स्थितियां तय करती हैं कि बीमा कंपनी किस हद तक नुकसान की भरपाई करेगी।

टोटल लॉस
टोटल लॉस तब होता है जब कार इतनी क्षतिग्रस्त हो जाती है कि उसकी मरम्मत फाइनेंशियली समझौते योग्य नहीं होती। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, अगर मरम्मत का खर्च बीमित घोषित मूल्य (IDV) के 75% से अधिक है, तो इसे टोटल लॉस माना जाता है।

कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस
कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस तब होता है जब कार चोरी हो जाती है या इतनी क्षतिग्रस्त हो जाती है कि उसकी मरम्मत की लागत IDV से ज्यादा होती है। इस स्थिति में बीमा कंपनी रिपेयर में पैसा खर्च करने के बजाय, सीधा IDV का भुगतान करती है।

मुआवजा
टोटल लॉस और CTL की स्थिति में, इंश्योरेंस कंपनी गाड़ी के मालिक को बीमित घोषित मूल्य (IDV) का भुगतान करती है। इसका मतलब है कि अगर आपकी कार चोरी हो जाती है, तो बीमा कंपनी आपको IDV के बराबर भुगतान करेगी। इसी तरह, कार डैमेज होने पर अगर रिपेयर का खर्च IDV के 75% या उससे अधिक है, तो भी कंपनी IDV के जितना पैसा देगी।

कार इंश्योरेंस लेते वक्त इन महत्वपूर्ण शर्तों को समझना जरूरी है ताकि आप जरूरत पड़ने पर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।