नोएडा, जो देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है, में यातायात नियमों का उल्लंघन एक आम बात बन गई है। अब, यातायात पुलिस ने ऐसे उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए एक अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत की है। देश का पहला ‘रडार-आधारित ऑटोमैटिक ट्रैफिक डिटेक्टर’ नोएडा में लगाया गया है।
ट्रायल के दौरान हुआ प्रभावी
इस उपकरण ने अपने पहले 5 दिनों में 1200 वाहनों का चालान किया है। एसपी यातायात अनिल कुमार झा ने बताया कि यह तकनीक अभी तक दुबई और कुछ यूरोपीय देशों में ही उपयोग की जा रही है। फ्रांस की एक कंपनी ने नोएडा में इसे ट्रायल के तौर पर लगाया है। महामाया फ्लाईओवर से आगे दलित प्रेरणा स्थल के पास यह डिटेक्टर लगाया गया है।
तकनीक की विशेषताएं
यह रडार-आधारित उपकरण पांच प्रकार के यातायात उल्लंघनों को पकड़ सकता है: ओवरस्पीड, ओवरटेकिंग, दुपहिया वाहनों पर तीन सवारी, बिना हेलमेट वाले वाहन चालक, और लापरवाही से वाहन चलाने वाले। यह उपकरण 500 मीटर दूर तक नजर रखने में सक्षम है।
सफलता के बाद विस्तार की योजना
यदि यह ट्रायल सफल रहा, तो इसे नोएडा के सभी प्रमुख रास्तों, एक्सप्रेसवे, और एलिवेटेड रोड पर लगाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे यातायात नियमों का पालन सख्ती से किया जा सकेगा और सड़क सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी।