दिल्ली एनसीआर में रोजाना क्लस्टर बस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 998 क्लस्टर बसों के संचालन को 19 जून की बजाय 15 जुलाई तक बढ़ा दिया है। यह निर्णय बस ऑपरेटर्स की याचिका पर कोर्ट द्वारा सुनवाई के बाद लिया गया है।
कोर्ट का आदेश: 15 जुलाई तक यथास्थिति बनी रहे
नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने दिल्ली परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि 15 जुलाई तक इस मामले में एफिडेविट दाखिल करें और तब तक यथास्थिति बनाए रखें। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, कोर्ट के इस आदेश से दिल्ली की सड़कों पर 109 रूटों पर चलने वाली 997 क्लस्टर बसें 15 जुलाई तक चलते रहेंगी।
परिवहन मंत्री की प्रतिक्रिया और योजना की मांग
दिल्ली के परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग द्वारा एक साथ इतनी सारी बसों को सड़कों से हटाने के निर्णय पर हैरानी जताई थी। उन्होंने विभाग से पूछा था कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के इस कदम से लोगों को होने वाली परेशानी को कैसे टाला जाएगा। अब मंत्री ने विभाग से कोर्ट की टिप्पणियों और ऑब्जर्वेशंस के साथ एक वैकल्पिक योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
बस ऑपरेटर्स पर सवाल और सेवा की गुणवत्ता
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि सरकार अनुमति देती है, तो कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया जा सकता है। लेकिन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बस ऑपरेटर्स की सेवाओं को लेकर कई सवाल उठाए हैं, जैसे बसों की सही मेंटेनेंस न होना, एसी बसें न लाना, रूट चार्ट और टाइमिंग का पालन न करना, आदि। इसी वजह से विभाग का इन कंपनियों का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।
क्लस्टर बसों का महत्व और वैकल्पिक योजना
दिल्ली के कई बड़े हिस्सों को क्लस्टर 6, 7, 8 और 9 के तहत चलने वाली 997 बसें कवर करती हैं। ये बसें विशेषकर ग्रामीण इलाकों और रेलवे स्टेशन, बस अड्डों को दूरदराज के क्षेत्रों से जोड़ती हैं। नई बसों के आने और डिपोज के इलेक्ट्रिफिकेशन में समय लगने के कारण, सरकार का मानना है कि बिना वैकल्पिक इंतजाम के बसों को नहीं हटाया जाना चाहिए। पहले भी क्लस्टर 3, 4 और 5 के तहत बसें चलाने वाली कंपनियों को नई बसें आने तक 2 साल का एक्सटेंशन दिया गया था।
इस फैसले से दिल्ली के यात्रियों को बड़ी राहत मिली है और अब वे 15 जुलाई तक इन बसों का लाभ उठा सकेंगे।