दिल्ली के गांवों का बदलेगा चेहरा, 365 करोड़ की यह परियोजना होने वाली है शुरू

लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अब अपनी नजर अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर टिका ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में ‘पीईटी विलेज डेवलपमेंट’ परियोजना को जल्द ही अमल में लाया जाएगा। इस परियोजना के तहत दिल्ली के ग्रामीण इलाकों का व्यापक विकास किया जाएगा।

ग्रामीण वोटों का महत्व
दिल्ली में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों से भारी समर्थन मिला था। इसे ध्यान में रखते हुए, दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी ग्रामीण वोटों को साधने के लिए यह योजना बनाई गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के सक्सेना ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के साथ मिलकर इस परियोजना की समीक्षा की है।

मौजूदा परियोजनाएं और नई योजनाएं
416 परियोजनाएं पहले से चल रही हैं, जिनके लिए 364.38 करोड़ रुपये की लागत से इस साल के अगस्त तक पूरा होने का अनुमान है। इसके अलावा, नई परियोजनाओं के लिए 540 करोड़ रुपये की राशि ग्राम वासियों के परामर्श के बाद जल्द ही मंजूरी के लिए तैयार की जाएगी।

कड़ी निगरानी और गुणवत्ता आश्वासन
उपराज्यपाल सक्सेना ने जिला मजिस्ट्रेटों को एक वेब पोर्टल के माध्यम से ई-निगरानी करने का आदेश दिया है। इसमें पहले और बाद के दृश्यों के साथ प्रगति की व्यक्तिगत निगरानी की जाएगी। इस परियोजना में सड़कें, जल निकासी, सामुदायिक केंद्र, खेल परिसर, औषधालय, पुस्तकालय और शवदाह गृह शामिल होंगे।

जनवरी में हुआ था योजना का शुभारंभ
जनवरी 2024 में दिल्ली के कई गांवों की यात्रा के बाद एलजी सक्सेना ने दिल्ली ग्रामोदय अभियान की शुरुआत की थी। 11 मार्च को गृह मंत्री अमित शाह ने इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विस्तृत क्षेत्र का दौरा कर समीक्षा करें, प्रगति रिपोर्ट का सत्यापन करें और पाक्षिक ई-निगरानी के साथ फोटोग्राफिक साक्ष्य प्रस्तुत करें। ठेकेदारों को काम की गुणवत्ता के आधार पर 5 साल की वारंटी और चरणबद्ध ईएमडी रिलीज प्रदान करनी होगी।

सम्मानजनक अंतिम संस्कार और अन्य आवश्यक सुविधाएं
उपराज्यपाल ने श्मशान घाटों के पुनर्निर्माण के लिए भी विशेष जोर दिया है, ताकि सम्मानजनक अंतिम संस्कार सुनिश्चित हो सके। इसके लिए फूलों के पेड़ लगाने और सौंदर्यकरण का प्रावधान किया गया है। औषधालयों, पुस्तकालयों और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के लिए 540 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग भी की गई है।

यह परियोजना दिल्ली के ग्रामीण इलाकों को एक नई दिशा और नई पहचान देगी, जिससे यहां के निवासियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और उनका जीवनस्तर ऊंचा उठेगा।