देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे 2 साल में बनकर होने वाला है तैयार, इतना काम होगा सफर का समय

देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे जल्द ही तैयार होने वाला है। सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है और इसके 2025 के अंत तक चालू होने की संभावना है। यह एक्सप्रेसवे सूरत और चेन्नई के बीच यात्रा समय को आधा कर देगा।

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे की खासियत

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे 1,271 किलोमीटर लंबा होगा, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से चेन्नई और सूरत के बीच की दूरी 1,600 किलोमीटर से घटकर 1,270 किलोमीटर रह जाएगी।

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यात्रा समय में कटौती
इस नए एक्सप्रेसवे से यात्रा का समय 35 घंटे से घटकर मात्र 18 घंटे रह जाएगा। यह एक्सप्रेसवे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे छह राज्यों से होकर गुजरेगा, जिससे कई शहरों को फायदा मिलेगा।

परियोजना का विकास
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI)
NHAI इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जिसकी अनुमानित लागत 50 हजार करोड़ रुपये है। इस पर अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। शुरुआत में इसे चार लेन का बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में छह और आठ लेन में विस्तारित किया जा सकता है।

आर्थिक और सामाजिक लाभ


व्यापार और रोजगार में वृद्धि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में इस परियोजना का उद्घाटन किया था, जिसे भारतमाला परियोजना के तहत पूरा किया जा रहा है। इससे दक्षिण भारत को पश्चिम भारत से सीधा जुड़ाव मिलेगा, जिससे व्यापार और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास होगा।

रियल एस्टेट और पर्यटन को बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर रियल एस्टेट का भी विकास होगा। इसके अलावा, वेस्‍टर्न घाट और अन्य राज्यों के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे नई नौकरियों का सृजन होगा।

निष्कर्ष
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि आर्थिक और औद्योगिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों में समृद्धि आएगी।