डिल्ली के निजी स्कूलों के लिए खुशखबरी है! सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए की याचिका को खारिज करते हुए राजधानी के सैकड़ों निजी स्कूलों में बिना फीस के संसाधनों का विस्तार करने का रास्ता साफ किया है। इस से निजी स्कूलों में दाखिले में होने वाली मारामारी कम होगी और लगभग डेढ़ लाख तक अधिक दाखिले हो पाएंगे।
डीडीए की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की अपील को खारिज किया, जिससे स्कूलों को अतिरिक्त एफएआर के लिए शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
दाखिले में मारामारी का अंत
वकील कमल गुप्ता के अनुसार, इस फैसले से निजी स्कूलों में दाखिले में होने वाली मारामारी कम होगी। दिल्ली में जनसंख्या की बढ़ोतरी के कारण स्कूलों की कमी है, लेकिन अब यह समस्या दूर होगी।
मौजूदा स्कूलों की अपग्रेडेशन
योजनाकरों का मानना है कि दिल्ली में जमीन सीमित होने के कारण मौजूदा स्कूलों को ही अपग्रेड करना चाहिए। इससे नए स्कूलों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और बच्चों को आसानी से दाखिला मिलेगा।