जल्द ही बनेगा रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर, 26.5 km लंबे रूट पर बनेंगे इतने स्टेशन, इन राज्यों को होगा फायदा

दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यातायात सुविधाओं को एक बड़ा तोहफा मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक निवेश बोर्ड ने रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। इस नए कॉरिडोर से तीनों राज्यों के बीच यातायात की समस्याएं कम होंगी और लोगों को राहत मिलेगी।

26.5 किलोमीटर लंबे रूट पर 21 स्टेशन
राजनिवास के अनुसार, 26.5 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर कुल 21 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसे अगले चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह नया मार्ग नरेला, बवाना और अलीपुर जैसे इलाकों की कनेक्टिविटी में सुधार करेगा और इन क्षेत्रों की ढांचागत संरचना को मजबूती प्रदान करेगा।

रोहिणी और नरेला को होगा सबसे बड़ा लाभ
नरेला-बवाना उपनगर के विकास को यह कॉरिडोर नई दिशा देगा। रोहिणी उपनगर की वर्षों से लंबित आवश्यकताएं भी इस परियोजना से पूरी होंगी। उपराज्यपाल ने कई बार केंद्र के सामने इस कॉरिडोर की मांग उठाई थी, जिसे अब केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है। इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली के उत्तर में हरियाणा के जिलों का सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य भी बदल जाएगा।

प्रमुख स्टेशन और क्षेत्रों की सूची
इस कॉरिडोर में रोहिणी के सात सेक्टर, बरवाला, सनोठ गांव, न्यू सनोठ गांव, नरेला, जेजे कॉलोनी, बवाना औद्योगिक क्षेत्र के दो स्टेशन, और नरेला क्षेत्र में पांच स्टेशन शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, अनाज मंडी, नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नरेला गांव, डिपो स्टेशन, और नरेला सेक्टर-5 स्टेशन भी इस रूट में शामिल होंगे।

नरेला वासियों की लंबे समय से लंबित मांग होगी पूरी
दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत छठे कॉरिडोर के निर्माण की जल्द उम्मीद है। नरेला वासियों की 12 साल पुरानी मांग अब पूरी होगी। इस कॉरिडोर के बनने से रिठाला और अलीपुर के लाखों लोगों की यात्रा आसान हो जाएगी। डीडीए का दावा है कि इस क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी से ढांचागत व्यवस्था में व्यापक बदलाव होगा।

वित्तीय योजना और निर्माण कार्य
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस परियोजना के लिए एक हजार करोड़ रुपये की ग्रांट मंजूर कर दी है। कॉरिडोर की कुल लागत 6,231 करोड़ रुपये है, जिसमें दिल्ली में 5,685 करोड़ रुपये और हरियाणा में 547 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्र सरकार इस परियोजना की 40% लागत वहन करेगी।

हर दिन सवा लाख लोग कर सकेंगे यात्रा
यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हरियाणा के कुंडली और दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। 2028 में परियोजना के पूरा होने पर 1.26 लाख लोग हर दिन इस मेट्रो से यात्रा कर सकेंगे, और 2055 तक यह संख्या 3.8 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।

गाजियाबाद से नाथूपुर की कनेक्टिविटी
मेट्रो का विस्तार नाथूपुर और कुंडली क्षेत्रों को रेड लाइन से जोड़ देगा, जो मध्य और पूर्वी दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करते हुए गाजियाबाद तक जाती है। इससे दिल्ली होते हुए गाजियाबाद जाने का बेहतर विकल्प मिलेगा और तीन राज्यों के बीच परिवहन व्यवस्था और सुगम हो जाएगी। लंबे समय से लोग इस कॉरिडोर की मांग कर रहे थे, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है।