दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) यमुना बाढ़ क्षेत्र के पार्कों में अनोखे रेल कोच रेस्टोरेंट खोलने की योजना बना रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन परिसर में सफलतापूर्वक चल रहे रेल कोच रेस्टोरेंट की तर्ज पर यह पहल की जा रही है।
यमुना बाढ़ क्षेत्र में क्यों खास हैं ये रेस्टोरेंट?
यमुना बाढ़ क्षेत्र में नियमानुसार कंक्रीट निर्माण प्रतिबंधित है, जिससे खाने-पीने की सुविधाएं उपलब्ध कराना मुश्किल हो गया है। पार्कों और पिकनिक हब में ऐसी सुविधाओं की कमी के कारण यहां आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डीडीए का यह कदम न सिर्फ लोगों को सुविधाएं देगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण बाढ़ क्षेत्र की स्वच्छता भी बनी रहेगी।

रेल कोच रेस्टोरेंट की तैयारी
डीडीए ने उत्तर रेलवे से दो पुराने, अनुपयोगी रेल कोच की मांग की है। इन कोचों को बिना किसी बड़े मॉडिफिकेशन के डीडीए को सौंपा जाएगा, जिससे डीडीए इन्हें रेस्टोरेंट में बदल सकेगा। यमुना वाटिका और आईटीओ बैराज के पास असीता ईस्ट में ये रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे, जो करीब 90 एकड़ में फैला हुआ है। मार्च 2023 में यहां विभिन्न देशों के डिप्लोमेट्स भी आए थे, लेकिन खाने-पीने की सुविधाओं की कमी के कारण शिकायतें आई थीं।
बांसेरा कैफे: एक और पहल
बाढ़ क्षेत्र में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए डीडीए ने बांस से बना एक कैफे भी तैयार किया है, जिसे जल्द शुरू किया जाएगा। यह कैफे स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा और उनकी जरूरतें पूरी करेगा।
डीडीए की यह पहल यमुना बाढ़ क्षेत्र के पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए लोगों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करेगी। ये अनोखे रेल कोच रेस्टोरेंट और बांस से बने कैफे न केवल खानपान की समस्या का समाधान करेंगे, बल्कि दिल्ली के पर्यटन को भी एक नया आयाम देंगे।