दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला चरण अब लंबे इंतजार के बाद अपनी समाप्ति की ओर बढ़ चला है। अक्षरधाम मंदिर से बागपत के खेकड़ा तक की 31 किलोमीटर की दूरी जिसे दो पैकेजों में बांटा गया है, उसका 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है।
मई के अंत तक होगा पूरा काम
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसे मई के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, और यह शायद जून मध्य तक खुल सकता है। 15 मई तक काम को समाप्त करने के बाद, एक सप्ताह का ट्रायल रन चलेगा, जिसके बाद यह यात्रियों के लिए खुल जाएगा।
पूर्वी दिल्ली वासियों के लिए सुगमता
इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन पूर्वी दिल्ली के निवासियों के लिए एक बड़ा लाभ साबित होगा। खासकर, अक्षरधाम से लोनी और बागपत तक की यात्रा अब सरल और सुगम हो जाएगी। NHAI द्वारा टोल दरों का निर्धारण भी शुरू किया गया है।
ट्रैफिक पर पड़ने वाला प्रभाव
इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने पर दिल्ली-मेरठ और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे, जिससे नवंबर तक वाहनों का सीधा आवागमन देहरादून तक शुरू हो सकेगा। इससे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर करीब 30 हजार पैसेंजर कार यूनिट वाहनों का दबाव कम होगा।
दिल्ली और गाजियाबाद में प्रवेश और निकासी
राजधानी की सीमा में पांच जगहों पर प्रवेश और निकासी की सुविधा होगी जो यात्रा को और भी अधिक सुगम बनाएगी। गाजियाबाद की सीमा में भी दो जगहों पर यह सुविधा दी जाएगी।
यातायात के जाम से राहत
इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने पर दिल्ली में यमुनापार और लोनी को जाम से बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में देहरादून जाने के लिए दिल्ली-सहारनपुर मार्ग का उपयोग करने पर छह से सात घंटे का समय लगता है। हालांकि नए एक्सप्रेसवे के बनने से यह समय काफी कम हो जाएगा और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाम की समस्या भी समाप्त होगी।