द्वारका एक्सप्रेस-वे पर अधूरे प्रोजेक्ट के बावजूद टोल टैक्स वसूली की तैयारी, लोग बोले- काम पूरा होने से पहले ऐसा करना अन्याय है

द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स वसूली की तैयारी ने विवाद खड़ा कर दिया है। एक्सप्रेस-वे के आसपास की सोसायटियों के निवासियों ने इस फैसले का विरोध करते हुए केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि प्रोजेक्ट के पूरा होने से पहले टोल वसूलना अन्याय है।

खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने की मांग

विरोध करने वालों का कहना है कि पहले खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाया जाए, और उसके बाद ही द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली शुरू की जाए। निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे।

टोल प्लाजा निर्माण में तेजी

गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर टोल प्लाजा का निर्माण तेजी से हो रहा है। अनुमान है कि दो महीने में यह निर्माण पूरा हो जाएगा और जितने किलोमीटर तक प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है, वहां टोल वसूली शुरू हो जाएगी। इस क्षेत्र में लगभग 100 सोसायटियां और कई गांव विकसित हो चुके हैं, जिनमें लाखों लोग रहते हैं।

खेड़कीदौला टोल प्लाजा का कोई हल नहीं

लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से वादा किया जा रहा है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे के पूरा होते ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाया जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार ने पचगांव में नए टोल प्लाजा के लिए जमीन देने की सहमति दी है, लेकिन इसका निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

प्रोजेक्ट की स्थिति और निर्माण कार्य

लगभग 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। गुरुग्राम में 18.9 किलोमीटर और दिल्ली में 10.1 किलोमीटर का यह एक्सप्रेस-वे 23 किलोमीटर का एलिवेटेड हिस्सा और 4 किलोमीटर का भूमिगत भाग शामिल है।

प्रोजेक्ट की देरी और संभावनाएं

द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पिछले साल ही पूरा होना था, लेकिन अब इसके इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। एक्सप्रेस-वे से लोग सीधे दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे, जो कि यात्रियों के लिए बड़ी राहत होगी।

निष्कर्ष

निवासियों का मानना है कि टोल वसूली से पहले खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाना जरूरी है, अन्यथा यह लाखों लोगों के साथ अन्याय होगा। अभी तक इस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।