दिल्ली एयरपोर्ट पर टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच यात्रियों के चेक-इन सामान को आसानी से स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security) की मंजूरी का इंतजार है।
यात्रियों के लिए बड़ी राहत
दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को अब भारी सामान ढोने की चिंता नहीं होगी। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच यात्रियों के चेक-इन सामान को अंदर ही हस्तांतरित करने की योजना तैयार हो रही है। इससे यात्रियों को भारी-भरकम सामान के साथ एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो की मंजूरी का इंतजार
अधिकारियों के अनुसार, इस प्रस्ताव के लिए नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच यात्रियों के सामान का अंदर ही हस्तांतरण संभव होगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों के लिए भी इसी तरह की सुविधा पर विचार किया जा रहा है।
बढ़ती यात्री क्षमता और नए टर्मिनल
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की वार्षिक यात्री क्षमता वर्तमान में 10 से 10.5 करोड़ है, जबकि अंतरराष्ट्रीय यात्री क्षमता लगभग 2.2 करोड़ है। पिछले साल लगभग दो करोड़ अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का आवागमन हुआ था। इसी महीने विस्तारित टर्मिनल-1 (टी1) के शुरू होने की उम्मीद है, जिससे हवाई अड्डे की यात्री संभालने की क्षमता में वृद्धि होगी।
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल्स और नई सुविधाएं
दिल्ली हवाई अड्डे पर कुल तीन टर्मिनल हैं – टी1, टी2 और टी3। वर्तमान में यहां प्रतिदिन लगभग 1,500 स्लॉट हैं और इस संख्या में 500-700 तक की बढ़ोतरी की योजना है। एयरपोर्ट की रनवे क्षमता भी दो से तीन सालों में 30 फीसदी बढ़ाकर हर घंटे 110 विमानों की आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट्स के दौरान अपना सामान साथ नहीं ले जाना होगा, जिससे उनका सफर और भी आरामदायक और सुविधाजनक हो जाएगा।