दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दिल्ली-एनसीआर में और उसके आसपास मियावाकी वृक्षारोपण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 53 एकड़ भूमि की पहचान की गई है।
हरियाली बढ़ाने की अनूठी पहल
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य नेशनल हाईवे को हरियाली से भरना है। एनएचएआई, नेशनल हाईवे से सटे भूमि पर मियावाकी वृक्षारोपण के माध्यम से हरियाली बढ़ाने की योजना बना रहा है।
चुने गए स्थान
प्रमुख स्थानों में हरियाणा सेक्शन के द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ 4.7 एकड़, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के पास 4.1 एकड़, और हरियाणा में अंबाला-कोटपूतली कॉरिडोर के राष्ट्रीय राजमार्ग 152D पर चाबरी और खरखड़ा इंटरचेंज के पास लगभग 5 एकड़ भूमि शामिल हैं। इसके अलावा, NH-709B पर शामली बाईपास पर 12 एकड़, गाजियाबाद के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर दुहाई इंटरचेंज पर 9.2 एकड़, और NH-34 के मेरठ-नजीबाबाद खंड के पास 5.6 एकड़ भूमि की पहचान की गई है।
अगस्त 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य
इन स्थानों पर जमीनी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और वृक्षारोपण का कार्य आगामी मानसून में शुरू किया जाएगा। अगस्त 2024 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है।
मियावाकी वृक्षारोपण: एक अनूठी विधि
मियावाकी पद्धति एक जापानी दृष्टिकोण है जो कम समय में घने, देशी और जैव विविध वन बनाने का लक्ष्य रखती है। इस विधि से पेड़ 10 गुना तेजी से बढ़ते हैं और यह ध्वनि और धूल रोधक के रूप में भी काम करते हैं। मियावाकी पद्धति भूजल स्तर को बनाए रखने और रिचार्ज करने में मदद करती है।
दीर्घकालिक लाभ
मियावाकी वनों का विकास पर्यावरण और स्थानीय समुदाय दोनों के लिए लाभदायक होगा। यह वायु और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, जैव विविधता संरक्षण, कार्बन अवशोषण, मिट्टी की बहाली और स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के लिए आवास निर्माण में मदद करेगा।
देशव्यापी विस्तार की योजना
एनएचएआई की यह पहल पहले दिल्ली-एनसीआर में लागू की जाएगी और इसके सफल परिणामों के आधार पर पूरे देश में विस्तार किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी से न सिर्फ नेशनल हाईवे के किनारे रहने वाले नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार होगा, बल्कि एनसीआर में यात्रा करने पर खूबसूरत नजारों का भी आनंद मिलेगा।
अंततः, हरित आवरण का विस्तार और पर्यावरण संरक्षण
यह पहल न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि नागरिकों के लिए बेहतर जीवन गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगी। एनएचएआई की यह अनूठी पहल देश के हर कोने में हरियाली और खुशहाली लाने का वादा करती है।