दिल्ली की सड़कों पर बस चालकों के लिए नए नियम: बसों की दोहरी शिफ्ट पर रोक, बायोमेट्रिक सिस्टम होगा लागू

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने घोषणा की है कि राजधानी की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर 12 मीटर लंबी बसों को लगातार 8 घंटे तक चलाना सुरक्षित नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने बस चालकों की दोहरी ड्यूटी को समाप्त करने के साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन परिवर्तनों के तहत अब बस चालकों को आधार लिंक ड्यूटी आवंटन प्रणाली से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी शिफ्ट को ट्रैक किया जा सकेगा। इसके लिए सभी बस डिपो में बायोमेट्रिक फेस रिकग्निशन सिस्टम स्थापित किया जाएगा। अगर किसी चालक को दूसरी शिफ्ट में लगाने की कोशिश की जाती है, तो तुरंत उसकी पहचान हो जाएगी और डिपो प्रबंधक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बस चालकों को मिलेगा बेहतर प्रशिक्षण

दिल्ली में बस चालकों को नंद नगरी में प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन कई बार शिकायतें मिलती हैं कि चालक बसों को ठीक से नहीं चलाते। इन समस्याओं के समाधान के लिए डीटीसी ने दो नए सिमुलेटर खरीदने का निर्णय लिया है, जहां चालकों को दोबारा प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण में सफल होने पर ही चालकों को ड्यूटी सौंपी जाएगी।

नशे में बस चलाने पर लगेगी रोक

सरकार को यह शिकायतें मिली हैं कि कुछ बस चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डिपो में ब्रेथ एनलाइजर का परीक्षण लागू किया जाएगा। चालकों को अपनी ड्यूटी शुरू करने से पहले इस परीक्षण से गुजरना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, चालकों को संवेदनशील बनाने के लिए नियमित कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।

महिला यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सभी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने और ईमानदारी से काम करने की हिदायत दी है।

उन्होंने विशेष रूप से चालकों को निर्देश दिया कि वे यात्रियों को देखकर बसों को तेजी से न दौड़ाएं और महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता राजधानी की जनता को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है, और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

नियमित मेडिकल जांच अनिवार्य

दिल्ली सरकार ने बस चालकों के लिए नियमित मेडिकल जांच को अनिवार्य कर दिया है। डीटीसी के चालकों के लिए 45 वर्ष की आयु के बाद हर पांच साल में और 55 वर्ष की आयु के बाद हर साल मेडिकल जांच जरूरी होगी। क्लस्टर बस ड्राइवरों के लिए भी यही मानदंड लागू होगा।

अब केवल सरकारी अस्पतालों में ही ये स्वास्थ्य जांच मान्य होगी, और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने छह अस्पतालों को नामित किया है। डीटीसी और क्लस्टर बस चालकों को उनके नियमित स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए इन अस्पतालों में भेजा जाएगा।

इन सभी नए नियमों और व्यवस्थाओं का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाना और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करना है।