दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सभी आपराधिक मामलों में असाधारण अंतरिम जमानत देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता पर 75,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
याचिका खारिज करने का कारण
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि सभी आपराधिक मामलों में असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि न्यायालय संविधान और कानून के सिद्धांतों के अनुसार ही कार्य करेगा।
केजरीवाल के लिए विशेष मुचलका की पेशकश
याचिकाकर्ता ने केजरीवाल के पक्ष में निजी मुचलका बढ़ाने और वचन देने की पेशकश की थी कि केजरीवाल गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। हालांकि, अदालत ने इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया।
याचिका की वैधता पर सवाल
अदालत ने याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पास केजरीवाल के लिए बयान देने या निजी मुचलका रखने का कोई अधिकार नहीं है। याचिका एक विधि छात्र द्वारा दायर की गई थी, जिसे अदालत ने आधारहीन माना।
न्यायिक हिरासत में केजरीवाल
केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उनके पास अदालत के समक्ष उचित कार्यवाही दायर करने का रास्ता खुला है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों के खिलाफ लंबित मामलों में असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।
इस प्रकार, दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 75,000 रुपये का जुर्माना लगाया।