भारत में पहली बार एक नई तकनीक मेट्रो ट्रैक पर पेश की जा रही है, जिससे ‘तूफानी ट्रेन’ चलाने की तैयारी हो रही है। इससे ट्रेनों के लिए दो ट्रैक बिछाने की जरूरत नहीं होगी और यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी।
मेरठ में अनोखा मेट्रो स्टेशन
मेरठ के परतापुर में एक अनोखा मेट्रो स्टेशन बनाया जा रहा है जिसमें दो प्लेटफॉर्म और चार रेलवे ट्रैक होंगे। मेरठ मेट्रो ट्रेन इस स्टेशन पर रुकेगी, जबकि ‘तूफानी ट्रेन’ बीच के ट्रैक से गुजरेगी।
नई प्रणाली से आसान यात्रा
परतापुर स्टेशन से मेट्रो ट्रेन की सेवा से आस-पास के क्षेत्रों के लोगों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी। अगर कोई यात्री दिल्ली जाना चाहता है, तो मेरठ साउथ से नमो भारत ट्रेन ले सकता है। मेरठ से दिल्ली और गाजियाबाद की यात्रा अब अधिक सुगम और सुलभ होगी।
एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दोनों ट्रेनें
देश में पहली बार यात्री एक ही प्रणाली पर रीजनल रेल और मेट्रो का इस्तेमाल कर पाएंगे। दोनों ट्रेनों को एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चलाया जाएगा, जिससे देश में परिवहन का एक नया आयाम जुड़ जाएगा।
जून 2025 तक लक्ष्य
मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो तक 23 किलोमीटर की मेरठ मेट्रो लाइन पर कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इन स्टेशनों में मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो शामिल हैं। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि जून 2025 तक दिल्ली-मेरठ के बीच नमो भारत आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो दोनों को संचालित किया जाए।