दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में इस साल गर्मी ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल लू की अवधि पिछले कुछ सालों से कहीं अधिक लंबी रही है। ओडिशा, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में लू के दिनों की संख्या दोगुने से भी ज्यादा हो गई है।
कहां कितने दिन चली लू?
IMD के आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च से 9 जून तक ओडिशा में सबसे ज्यादा 27 दिन लू चली। पश्चिमी राजस्थान में 23 दिन, गंगा के मैदानी इलाकों वाले पश्चिम बंगाल में 21 दिन, और दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 20 दिन लू चली। इन आंकड़ों ने पिछले सालों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।

लू की मार अभी जारी
दिल्ली में 9 जून के बाद से तीन और दिन लू चली है, जिससे अब तक कुल 23 दिन हो चुके हैं। IMD ने चेतावनी दी है कि अगले 4-5 दिनों में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गंभीर लू की स्थिति बनी रहेगी।
लू का बढ़ता असर
इस साल देश के 36 में से 14 मौसम विभाग केंद्रों में 15 से ज्यादा लू के दिन दर्ज किए गए। पूर्वी और उत्तरी भारत सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां तक कि हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे ठंडे पहाड़ी इलाकों में भी लू चली है।
अल नीनो का प्रभाव
मौसम वैज्ञानिक माधवन राजीवन का कहना है कि अल नीनो इफेक्ट के कारण इस बार गर्मी और लू का असर ज्यादा देखने को मिला है। पिछले साल भी गर्मी काफी ज्यादा थी, लेकिन इस बार की स्थिति ने सभी को हैरान कर दिया है।
ग्लोबल वार्मिंग की भूमिका
राजीवन के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में हो रहे बदलाव और अधिक हो गए हैं। आने वाले समय में और भी ज्यादा लू के दिनों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।
अगले पांच दिन और परेशानी
IMD के अनुसार, अगले पांच दिनों (18 जून तक) के लिए पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और उत्तर प्रदेश में गंभीर हीट वेव की संभावना है। इसके बाद इन इलाकों में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
कब होती है लू?
मैदानी इलाकों में 40 डिग्री सेल्सियस, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान को लू माना जाता है। अगर तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो, तो लू घोषित की जाती है। 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने पर गंभीर लू माना जाता है।
देशों के अलग-अलग पैमाने
हर देश में लू की घोषणा के लिए अलग-अलग मानदंड होते हैं। मौसम विभाग का कहना है कि हीट वेव की परिभाषा किसी इलाके के तापमान के आधार पर तय की जाती है। कुछ देशों में तापमान और आर्द्रता को मिलाकर हीट इंडेक्स के आधार पर लू की घोषणा की जाती है।
इस साल की गर्मी ने साफ कर दिया है कि मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। आने वाले समय में इससे निपटने के लिए हमें तैयार रहना होगा।