दिल्ली की सड़कों पर नजर डालें तो हर बिजली के खंभे पर तारों का जाल बिछा हुआ है। खासकर छतरपुर एनक्लेव फेज 1 और 2 में बीते हफ्ते कई बार आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं का मुख्य कारण बिजली के खंभों में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, जो अवैध रूप से लटके केबल के कारण होता है।
आगजनी की बढ़ती घटनाएं
बीते हफ्ते में छतरपुर एनक्लेव फेज 1 और 2 में पांच आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। राहत की बात है कि इनमें कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन इन घटनाओं का मुख्य कारण बिजली के खंभों में लगे अवैध केबल्स हैं, जो शॉर्ट सर्किट का कारण बन रहे हैं। गर्मी के कारण केबल की तारें पिघलती हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट होता है। कई बार खंभों के आसपास अवैध रूप से बनाई गई बिल्डिंग्स भी आग के खतरे को बढ़ाती हैं।
अवैध निर्माण और खंभों की स्थिति
फेज 2 की RWA प्रेजिडेंट वाणी अग्रवाल ने बताया कि कई बिल्डरों ने बिल्डिंग्स को खंभों के बेहद नजदीक बना दिया है, जिससे आग का खतरा हमेशा बना रहता है। इस समस्या की जानकारी कई बार प्राइवेट बिजली कंपनी BSES को दी गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। RWA ने MCD से भी शिकायत की है और किसी बड़े हादसे की आशंका जताई है।
बिजली कंपनी की निष्क्रियता
बिजली कंपनी ने अब तक खंभों पर लगे अवैध केबल्स को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। 1 जून की रात को भी एक घटना में बिजली के खंभे पर लटके तारों में आग लगी, जो एक हफ्ते में पांचवीं घटना थी। फेज 1 RWA के अध्यक्ष वरुण राठौर और राहुल डागर ने समय पर आग बुझाकर बड़ा हादसा टाला।
समाधान की मांग
लोगों ने संबंधित एजेंसियों से अपील की है कि बिजली के खंभों पर लटके टीवी केबल के जाल को हटाया जाए और अवैध बिल्डिंग्स को बिजली मीटर न दिए जाएं। ऐसे कदम उठाए जाने से ही इन हादसों को रोका जा सकता है और दिल्ली को सुरक्षित बनाया जा सकता है।