दिल्ली यूनिवर्सिटी ने किया नया ऐलान, एडमिशन की दौड़ में सिंगल गर्ल चाइल्ड को होगा फायदा

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने 2024 के अंडरग्रेजुएट कोर्सों में दाखिले के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। इस बार यूनिवर्सिटी ने सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, जिससे वे अपनी पढ़ाई में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकेंगी।

सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए आरक्षण
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मंगलवार, 28 मई को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की। डीयू के डीन एडमिशन हनीत गांधी ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 1 अगस्त से होने की संभावना है। इस बार यूनिवर्सिटी ने सिंगल गर्ल चाइल्ड को एडमिशन में विशेष आरक्षण देने का निर्णय लिया है। सुपरन्यूमेरी कोटा के तहत, हर कोर्स में एक सीट सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए रिजर्व होगी। यह निर्णय महिला संगठनों द्वारा सराहा गया है, जो इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं।

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कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) का शुभारंभ
डीयू ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया के लिए कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) एडमिशन पोर्टल लॉन्च किया है। हनीत गांधी के अनुसार, प्रवेश प्रक्रिया दो चरणों में होगी: पहला चरण रजिस्ट्रेशन और दूसरा चरण कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के नतीजे घोषित होने के बाद सीट आवंटन। CSAS पोर्टल लगभग एक महीने तक खुला रहेगा, जिससे विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

मेरिट के आधार पर होगा एडमिशन
सिंगल गर्ल चाइल्ड को रिजर्व कैटेगरी में एडमिशन मेरिट के आधार पर दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि योग्य और मेहनती छात्राओं को उनके योग्यतानुसार स्थान मिल सके।

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71,000 सीटों पर होगा एडमिशन
दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस साल 69 कॉलेजों के 79 स्नातक कोर्स और 182 कॉम्बिनेशन के लिए कुल 71,000 सीटें हैं। सभी कोर्सों में एडमिशन CUET यूजी स्कोर के आधार पर होगा, जो पिछले साल भी लागू था। सबसे अधिक मांग वाले कोर्स बीकॉम (ऑनर्स) और बीकॉम रहे हैं, जिनमें एक लाख से अधिक छात्रों ने रुचि दिखाई थी।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस फैसले से शिक्षा में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और बेटियों को उनके सपनों को पूरा करने का अवसर मिलेगा। इस नई नीति से न केवल यूनिवर्सिटी में विविधता और समावेशिता बढ़ेगी, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद करेगी।