दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों पर कड़ा रुख अपनाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियां और 10 साल से अधिक पुरानी डीजल गाड़ियां चलाना प्रतिबंधित है। इन्हें प्रदूषणकारी माना जाता है और सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें दिल्ली और एनसीआर में बैन कर दिया है।
पुरानी गाड़ियों को हटाने के निर्देश
सरकार ने पुराने वाहनों को हटाने के लिए कई निर्देश दिए हैं:
- सार्वजनिक जगहों पर पुरानी गाड़ियों का पता: इन गाड़ियों को ढूंढकर जब्त किया जाएगा और मालिकों को जुर्माना देना पड़ेगा।
- गाड़ियों का पंजीकरण: मालिक को अपनी पुरानी गाड़ी को अन्य राज्यों में पंजीकृत करना होगा या उसे निजी स्थान पर खड़ा करना होगा।
- जुर्माना: कार मालिकों के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना और दोपहिया मालिकों के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
- अभियान की निगरानी: सरकारी अधिकारी नियमित रूप से अभियान चलाकर पुरानी गाड़ियों को हटाएंगे और रिपोर्ट देंगे।
मालिकों के लिए क्या करना जरूरी है?
अगर आपकी पुरानी गाड़ी जब्त की जाती है, तो आपको तीन सप्ताह के भीतर आवेदन करना होगा। आप या तो गाड़ी को निजी स्थान पर खड़ा कर सकते हैं या उसे दूसरे राज्य में पंजीकृत कर सकते हैं। यदि आप यह नहीं कर पाते हैं, तो आपकी गाड़ी कबाड़ में भेज दी जाएगी।
पहले के प्रयासों में सुधार
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर से पुरानी गाड़ियों को हटाने का निर्देश दिया था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने मार्च 2023 में एक बड़ा अभियान शुरू किया। लेकिन यह अभियान कुछ मुद्दों के कारण अगस्त में रोका गया था। अब नए दिशा-निर्देशों के तहत इसे फिर से शुरू किया जा रहा है।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार का यह कदम प्रदूषण नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है। पुराने वाहनों को हटाने से शहर की हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसलिए, अगर आपके पास पुरानी गाड़ी है, तो उसे जल्द से जल्द नियमों के अनुसार प्रबंधित करें।