दिल्लीवासियों के लिए खुशखबरी: जनवरी से नमो भारत मेट्रो में यात्रा शुरू, ट्रायल का आखिरी चरण जारी

जनवरी 2024 से दिल्लीवासियों के लिए नमो भारत ट्रेन की सुविधा शुरू होने जा रही है। गाजियाबाद के साहिबाबाद स्टेशन से पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्टेशन तक यह ट्रेन चलने लगेगी। फिलहाल इस सेक्शन पर ट्रायल अंतिम चरण में है। ट्रायल का कार्य अक्तूबर के पहले सप्ताह में शुरू हुआ था और अधिकारियों के अनुसार, जनवरी में संचालन शुरू कर दिया जाएगा।


हाईस्पीड ट्रायल जल्द होगा शुरू

वर्तमान में सामान्य गति से ट्रायल किया जा रहा है। कुछ दिनों में हाईस्पीड ट्रायल भी शुरू किया जाएगा। इसके बाद, एनसीआरटीसी (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से प्रमाणीकरण के लिए आवेदन करेगी। प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद नमो भारत ट्रेन यात्रियों के लिए शुरू की जाएगी।


तेजी से हो रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास

सेक्शन को शुरू करने के लिए और आरआरटीएस स्टेशनों, दिल्ली मेट्रो, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी के बीच एकीकरण को लेकर कार्य तेजी से किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि नववर्ष तक इन कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। न्यू अशोक नगर सेक्शन के शुरू होने से एनसीआर में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों की संख्या में भी वृद्धि होगी।


साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर: 12 किमी का सफर

दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी लंबे दिल्ली–मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत फिलहाल 42 किमी का खंड, जो गाजियाबाद के साहिबाबाद से मेरठ साउथ स्टेशन तक है, संचालित है। इस पूरे कॉरिडोर का वर्तमान संचालन यूपी में हो रहा है। दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्टेशन तक की सेवा जनवरी में शुरू होने की संभावना है।

साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक की दूरी 12 किमी है, जिसमें आनंद विहार और न्यू अशोक नगर स्टेशन आते हैं। ट्रायल रन अक्तूबर में शुरू हो चुका है और इसे सराय काले खां तक भी बढ़ाया जाएगा। हालांकि, सराय काले खां तक का कॉरिडोर 2025 के मध्य तक तैयार होने की उम्मीद है।


दिल्लीवासियों के लिए ये है फायदेमंद

करीब 30,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे आरआरटीएस कॉरिडोर से दिल्ली से मेरठ की यात्रा का समय केवल एक घंटे रह जाएगा। इस सेवा से आठ लाख से अधिक यात्रियों को लाभ मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक, सिग्नलिंग, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी), और ओवरहेड पावर सप्लाई सिस्टम जैसी प्रणालियों का समन्वय सुनिश्चित करने के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है।