गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के दूसरे और तीसरे चरण के निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत भू-तकनीकी सर्वे का टेंडर जारी कर दिया गया है, जिसे 12 जून को खोला जाएगा। टेंडर मिलने के बाद चयनित कंपनी को 60 दिन में यह सर्वे पूरा करना होगा।
तीन फेज में तैयार होगी मेट्रो लाइन
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट को तीन फेज में विभाजित किया गया है।
- पहला फेज: मिलेनियम सिर्ट सेंटर से सेक्टर-9 तक
- दूसरा फेज: सेक्टर-9 से साइबर सिटी तक
- तीसरा फेज: मेट्रो डिपो का निर्माण
पहले फेज का भू-तकनीकी सर्वे पहले ही हो चुका है। इस चरण में मेट्रो निर्माण के लिए 1286 करोड़ रुपये का टेंडर भी जारी हो चुका है, जो अगले महीने आवंटित किया जाएगा।
दूसरे फेज में 14 स्टेशन, 16 किमी लंबा रूट
अब जीएमआरएल ने दूसरे और तीसरे फेज की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरे फेज की लंबाई करीब 16 किमी होगी, जिसमें 14 मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे। यह रूट सेक्टर-9 से सेक्टर-101 (द्वारका एक्सप्रेस-वे) तक जाएगा।
रेलवे स्टेशन तक विस्तार की योजना
जीएमआरएल की योजना के मुताबिक, सेक्टर-5 स्टेशन से रेलवे स्टेशन तक मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए सेक्टर-5 से रेलवे स्टेशन तक भू-तकनीकी सर्वे कराया जाएगा। यदि केंद्र और राज्य सरकार की मंजूरी मिलती है, तो मेट्रो रेलवे स्टेशन तक जुड़ जाएगी।
इसके अलावा, हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचएमआरटीसी) ने भोंडसी से रेलवे स्टेशन तक मेट्रो संचालन की योजना तैयार की है, जिसमें सेक्टर-5 में इंटरचेंज स्टेशन बनने का प्रस्ताव है। भविष्य में भोंडसी से सेक्टर-5 तक मेट्रो तैयार करने की दिशा में काम होगा।
भू-तकनीकी सर्वेक्षण क्या है?
भू-तकनीकी सर्वे में लगभग 30 मीटर गहराई तक बोरवैल करके पानी और मिट्टी के नमूने लिए जाते हैं। इन्हें जांच के लिए लैब में भेजा जाता है। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो पिलर की नींव और डिजाइन तैयार किया जाता है।
निष्कर्ष
गुरुग्राम के तेजी से बढ़ते मेट्रो नेटवर्क के इस विस्तार से उम्मीद है कि भविष्य में यात्रा और कनेक्टिविटी और सुगम होगी। भू-तकनीकी सर्वेक्षण की प्रक्रिया इन योजनाओं को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रही है।