फास्टैग को बंद करने और GPS टोल प्रणाली की तैयारी का काम शुरू हो गया है। इसका मतलब है कि अब टोल टैक्स का कलेक्शन GPS के जरिये किया जाएगा।
शुरूआती चरण: दिल्ली-जयपुर और बेंगलुरु-मैसूर हाईवे
दिल्ली-जयपुर हाईवे (NH 48) और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पहले दो ऐसे राजमार्ग होंगे, जहां GPS-आधारित टोलिंग प्रणाली शुरू की जाएगी।
यात्रियों को होगा फायदा
जीपीएस टोल सिस्टम लागू होने के बाद सभी हाईवे पर टोल प्लाजा हटा लिए जाएंगे और यात्रियों को उतने के ही पैसे देने होंगे, जितनी वो हाईवे पर चलेंगे।
केंद्र सरकार की नई पहल
केंद्र सरकार ने टोल प्रणाली को लेकर दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक सेटेलाइट आधारित प्रणाली मार्च से शुरू की जाएगी।
सीमा शुल्क बूथ होंगे इतिहास
जीपीएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली की शुरूआत मार्च महीने में हो रही है, जिसके बाद टोल नाके हटा दिए जाएंगे।
नंबर प्लेट सर्विलांस कैमरों का उपयोग
हर जगह लगे नंबर प्लेट सर्विलांस कैमरों के जरिए आपकी कार पर नजर रखी जाएगी और आपकी कार किस इलाके से और किस समय गुजरी है, उसके आधार पर टोल शुल्क वसूला जाएगा।
अब वाहनों के लिए नया आसमान खुलने वाला है, जहां टोल कटेगा अनुमान से भी कम!