कृषि कूच की दिशा में बढ़ते कदमों के साथ, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने फ्लाईओवर की सुरक्षा बाधाएं उखाड़ फेंकी। दिल्ली की ओर अग्रसर होने की कोशिश में किसानों को रोका गया, जिसके परिणामस्वरूप हालात उग्र हो गए।
किसानों की बैरिकेडिंग और पुलिस की प्रतिक्रिया
पहले, किसानों ने बड़े से पत्थर के बैरिकेड्स को हटा दिया, और फिर फ्लाईओवर की सुरक्षा बाधाओं को भी तोड़ दिया। पुलिस ने इस पर पानी के वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
बॉर्डर सील और तनाव
कृषि कूच के संघर्ष के दौरान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, और चंडीगढ़ के बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। इंटरनेट बंद, धारा 144 लागू, और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर रोक लगाई गई है। महीने के लिए चंडीगढ़ में भी धारा 144 लागू है।
किसानों की दर्दनाक कहानी
किसान ने साझा किया कि वह सभी आवश्यक वस्तुएँ लेकर कृषि कूच में शामिल हुए हैं। उनके पास पर्याप्त डीजल और पत्थर तोड़ने के औजार हैं, और उन्होंने गांव से 6 महीने का राशन भी साथ लिया है।
मीटिंग की बातें
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच समझौता होने की कोशिश रही, लेकिन MSP गारंटी कानून और कर्ज माफी पर विवाद बना रहा।