इकोनोमिक कॉरिडोर बनने जा रहा है दिल्ली और धनबाद के बीच, कई राज्यों को होगा फायदा

तीन दशक पहले, जर्जर जीटी रोड सिर्फ सात मीटर चौड़ा था, जिसके कारण धनबाद से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और मुंबई तक माल ढुलाई का विकल्प था।

परियोजना की उत्कृष्टता

2011 में इस सड़क को सिक्स लेन में परिवर्तित करने के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी मिली। वाराणसी से औरंगाबाद तक 13 साल से चल रहे इस कार्य को तीन महीने में पूरा कर दिया जाएगा।

महत्वपूर्ण संयोजन

यह इकोनॉमिक कॉरिडोर वाराणसी से बिहार के औद्योगिक क्षेत्रों से होकर धनबाद को जोड़ रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

निर्माण की गति

प्रोजेक्ट के तहत 151 किलोमीटर कार्य पूरा हो चुका है, और अब यहां दो किमी गंगा पुल को अप्रोच मार्ग से जोड़ा जा रहा है।

आर्थिक समृद्धि

इस सड़क का निर्माण विविध राज्यों को एक साथ जोड़ रहा है और कारोबार को तेजी से बढ़ावा दे रहा है। प्रोजेक्ट की सतत निगरानी की जा रही है ताकि कोई भी अविश्वसनीय देरी न हो।

निर्माण में जुटी स्पेन की कंपनी

स्पेन की रोडिस कंपनी को परियोजना का निर्माण करने का जिम्मेदारी मिली है, जो अपने अद्वितीय दक्षता के साथ काम कर रही है।

इस इकोनॉमिक कॉरिडोर के विकास से कई प्रांतों को नए बाजार और व्यापारिक अवसर मिलेंगे। इस प्रोजेक्ट से उम्मीद है कि यह न केवल व्यापारिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी राज्यों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।