दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अब विद्यार्थियों को ड्रोन उड़ाने, बनाने और मरम्मत करने की कला सिखाएगा। बढ़ती मांग को देखते हुए, डीयू ने “पॉयलट ट्रेनिंग फॉर ड्रोन” नाम से एक नया कौशल आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह पाठ्यक्रम जनवरी में शुरू किए गए सेंटर फॉर इनोवेटिव स्किल बेस्ड कोर्स (सीआईएसबीसी) के तहत संचालित होगा। इसकी सफलता के बाद, ड्रोन निर्माण और मरम्मत से संबंधित अन्य स्किल पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
कौशल आधारित शिक्षा पर जोर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) में कौशल आधारित शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। इसी के तहत, जनवरी 2024 में डीयू ने सीआईएसबीसी की स्थापना की थी। डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक और स्किल कमेटी की चेयरमैन, प्रोफेसर पायल मागो ने बताया कि ड्रोन आधारित कोर्स को अगस्त-सितंबर तक शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए ड्रोन क्षेत्र में प्रतिष्ठित कंपनियों से बातचीत चल रही है।
विद्यार्थियों को मिलेगा प्रासंगिक व्यावहारिक कौशल
प्रोफेसर मागो ने बताया कि यह कोर्स विद्यार्थियों को बाजार की जरूरतों के अनुरूप व्यावहारिक कौशल प्रदान करेगा। ड्रोन तकनीक की बढ़ती उपयोगिता और ड्रोन पायलटों की कमी को देखते हुए, यह कोर्स बहुत महत्वपूर्ण है। ड्रोन का उपयोग सुरक्षा, कृषि, फोटोग्राफी और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इस कोर्स की फीस मात्र दस हजार रुपये होगी, जो बाहरी संस्थानों की तुलना में बहुत कम है।
सेंटर में उपलब्ध अन्य स्किल कोर्स
सीआईएसबीसी में वर्तमान में 12 स्किल कोर्सेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें रेडियो जॉकिंग, स्टेनोग्राफी, वीडियो एडिटिंग, एनिमेशन, मेडिकल ट्रांस्क्रिप्शन, जीएसटी एक्जीक्यूटिव, फाइनेंशियल एडवाइजर, अंग्रेजी दक्षता, साइबर सुरक्षा, कर मूल्यांकन, बेकरी और कन्फेक्शनरी, ए/सी और रेफ्रिजरेटर रिपेयर कोर्स शामिल हैं। इस साल के अंत तक यह संख्या बढ़कर 14 हो जाएगी।
कॉलेजों में प्रदर्शन सत्र
ड्रोन कोर्स शुरू करने से पहले, जुलाई में कॉलेज खुलने पर प्रत्येक कॉलेज में एक प्रदर्शन सत्र आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में इस कोर्स के प्रति रुचि बढ़ाना है। इन सत्रों में विद्यार्थियों को कोर्स की जानकारी दी जाएगी और इसे सीखने के लाभ बताए जाएंगे।
विदेशी भाषा कोर्स की तैयारी
सितंबर तक, डीयू एक विदेशी भाषा कोर्स भी शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसमें फ्रेंच, जर्मन और स्पेनिश भाषाएं शामिल होंगी। जिस भी भाषा के लिए अच्छा रिस्पांस मिलेगा, उसे शुरू किया जाएगा। विदेशी भाषा सीखने से विद्यार्थियों के करियर के नए विकल्प खुलेंगे।
इस नई पहल के साथ, डीयू विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों और कौशलों में प्रशिक्षित कर, उनके भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।