दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं। जब वह शीर्ष पद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो उनके साथी भी अलग रास्ते चलने की ओर बढ़ रहे हैं। पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी। इसके साथ ही, आनंद ने पार्टी के भ्रष्टाचार को लेकर उठाए गए सवालों को भी अंजाम दिया है।
आनंद ने पार्टी से जताई असहमति
राजकुमार आनंद ने बताया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पार्टी की नीति से वह सहमत नहीं हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा देते हुए पार्टी को इस निर्देश के खिलाफ किया, जिसमें वह सहमत नहीं थे।
ईडी के छापे का आया जिक्र
नवंबर 2023 में, ईडी ने सीएम केजरीवाल को शराब घोटाले में जांच के लिए बुलाया था, और इससे ठीक पहले उनके मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान, ईडी ने आनंद के व्यवसायिक संबंधों की जाँच की थी, और उन्हें सीमा शुल्क मामले से जोड़ा गया था।
यह सभी घटनाएं AAP के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करवा रही हैं, जबकि पार्टी ने ब्रांड और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गर्व किया था। आनंद का इस्तीफा और उनके साथी होने की घटना पार्टी की नैतिकता पर सवाल उठाती है।