दिल्ली सरकार फंसी बड़ी मुसीबत में, महिलाओं ने मांगे 1000 रूपये

दिल्ली सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष के बजट में महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की योजना की घोषणा के बाद अब महिलाएं अपने हक के लिए आवाज उठा रही हैं।

हमें 1000 रुपये दो”: महिलाओं का प्रदर्शन
गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल के सामने सैकड़ों महिलाएं तख्तियां लेकर इकट्ठा हुईं और दिल्ली सरकार से 1000 रुपये की मांग करने लगीं। ‘दिल्ली महिला मंच’ द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में महिलाएं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से वादा पूरा करने की मांग कर रही थीं।

महिलाओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने उनसे फार्म भरवाए थे और कहा था कि हर महिला को 1000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, महिलाओं ने दिल्ली में पीने के पानी की समस्या को लेकर भी नाराजगी जताई।

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महिला सम्मान राशि योजना: वादा और असमंजस
दिल्ली सरकार ने 2024-25 के बजट में 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 1000 रुपये देने का ऐलान किया था, जिसे ‘महिला सम्मान राशि योजना’ नाम दिया गया। इस योजना के तहत सभी विधानसभाओं में आप कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर फार्म भरवाए थे।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और योजना पर असमंजस
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद योजना के क्रियान्वयन पर असमंजस बढ़ गया है। हाल ही में तिहाड़ जेल में केजरीवाल से मिलने गईं दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के जेल से रिहा होने के बाद इस योजना को लागू किया जाएगा।

आप नेता का विरोध और निलंबन
आप नेता और पूर्व विधायक नितिन त्यागी ने इस योजना का विरोध करते हुए कहा कि पार्टी सिर्फ चुनाव जीतने के लिए झूठा प्रचार कर रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम लोग हर जगह एक हजार रुपये वाला फॉर्म भरवा रहे हैं। ये गलत है और झूठ है। अभी ये स्कीम पास नहीं हुई है और इसके पास होने की कोई संभावना भी नहीं है।” इसके बाद नितिन त्यागी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया।

लोकसभा चुनाव में आप की हार
लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद कोई सीट नहीं मिल सकी। पंजाब में पार्टी ने तीन सीटें जीतीं, लेकिन हरियाणा में आप का खाता नहीं खुल सका।

इस पूरे प्रकरण ने दिल्ली सरकार और आप पार्टी के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। महिलाओं का प्रदर्शन और योजना पर असमंजस ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि केजरीवाल सरकार अपने वादे को कैसे पूरा करती है।