मानसून की उमस भरी गर्मी के बीच दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। जुलाई से बिजली बिलों में बढ़ोतरी होने वाली है। हालांकि नया टैरिफ घोषित नहीं हुआ है, लेकिन बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में वृद्धि कर दी गई है।
बिजली बिल में 6.15% से 8.75% तक की बढ़ोतरी
दिल्ली में बीएसईएस यमुना पावर (बीवाईपीएल) ने 6.15 प्रतिशत, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने 8.75 प्रतिशत पीपीएसी की वृद्धि की है।
हालांकि, प्रति माह दो सौ यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी का असर नहीं पड़ेगा, उन्हें पहले की तरह निशुल्क बिजली मिलती रहेगी।
एनडीएमसी क्षेत्र पर सबसे अधिक बोझ
दिल्ली में बिजली महंगी हो गई है, लेकिन सबसे अधिक बोझ एनडीएमसी क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। एनडीएमसी उपभोक्ताओं से प्रति माह कुल 47.5 प्रतिशत पीपीएसी वसूला जाएगा। इसके बाद टीपीडीडीएल 46.63 प्रतिशत, बीआरपीएल 44.58 प्रतिशत और बीवाईपीएल 43.9 प्रतिशत पीपीएसी वसूला जाएगा।
बढ़ोत्तरी के बाद वसूला जाने वाला पीपीएसी
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने पिछले वर्ष जून से इस वर्ष फरवरी तक पीपीएसी बढ़ाया था। उसके बाद अप्रैल तक और अब मई से जुलाई तक के लिए पीपीएसी की दरें बढ़ाई जा रही हैं। यह जुलाई से उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।
कंपनी | अबतक वसूला जाने वाला पीपीएसी (%) | बढ़ने के बाद पीपीएसी (%) | बढ़ोत्तरी (%) |
---|---|---|---|
बीआरपीएल | 35.83 | 44.58 | 8.75 |
बीवाईपीएल | 37.75 | 43.9 | 6.15 |
टीपीडीडीएल | 37.88 | 46.63 | 8.75 |
एनडीएमसी | 38.75 | 47.5 | 8.75 |
क्या होता है पीपीएसी?
ईंधन के दाम बढ़ने से डिस्काम को बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों से बढ़े हुए मूल्य पर बिजली खरीदनी पड़ती है। उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली बिजली की दरें इस अनुपात में नहीं बढ़ती हैं। इस घाटे की भरपाई के लिए डिस्काम को उपभोक्ताओं से पीपीएसी वसूलने की अनुमति दी जाती है।
भाजपा ने दिल्ली सरकार को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि समर एक्शन प्लान नहीं बनाया गया। संभावित मांग का आकलन करके बिजली खरीदने के लिए पहले से व्यवस्था नहीं की गई। गर्मी में मांग बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार व बिजली वितरण कंपनियों की नींद टूटी। यदि पहले से बिजली खरीद का समझौता किया जाता तो महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़ती। बिजली की नई दरें घोषित करने की जगह अब पीपीएसी के नाम पर बिजली महंगी कर दी गई। दिल्ली सरकार व डिस्काम के बीच मिलीभगत से बिजली महंगी की जा रही है। पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) में स्थायी चेयरमैन नहीं हैं, इसलिए वह इस तरह का निर्णय नहीं कर सकते हैं। डीईआरसी की मंजूरी के बिना पीपीएसी बढ़ा दी गई।