दिल्ली में फैली जानलेवा हवा, इन इलाकों को है ज्यादा खतरा

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की घातक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को सख्त उपायों को कार्यान्वित करने का फैसला किया है। इसके तहत, जीआरएपी के तीसरे चरण को लागू करने से पहले उप-समिति ने एक या उससे अधिक दिनों तक स्थिति की नजर रखने का निर्णय लिया है।

वायु गुणवत्ता बर्ताने का संकेत

केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कड़े उपायों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने बुधवार को 400 को पार कर लिया है, जिसके बाद सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता है।

जीआरएपी का कार्रवाई योजना

जीआरएपी के तीसरे चरण के प्रतिबंधों में दिल्ली-एनसीआर में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य और बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल चार पहिया वाहनों का संचालन शामिल है। इसमें राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं, स्वास्थ्य सेवा, रेलवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, बिजली पारेषण, पाइपलाइन, स्वच्छता और जल आपूर्ति को प्रतिबंध से छूट दी गई है।

गंभीर वायु प्रदूषण पर नजर

जीआरएपी (GRAP)की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना का तीसरा चरण सर्दियों के मौसम के दौरान लागू होगा, जिसमें वायु गुणवत्ता को चार विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

  1. खराब (वायु गुणवत्ता सूचकांक 201-300)
  2. बहुत खराब (एक्यूआई 301-400)
  3. गंभीर (एक्यूआई 401-450)
  4. गंभीर प्लस (जब एक्यूआई 450 से अधिक हो)

सरकार का यह निर्णय वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोगों की स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा को महत्वपूर्णता देता है।