बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य से दूसरे राज्यों तक बस सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। बिहार से दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के प्रमुख शहरों के लिए अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर बसें चलाई जाएंगी। परिवहन विभाग इस योजना पर काम कर रहा है और जल्द ही इसे लागू करेगा।
निजी बसों की मौजूदा स्थिति
बिहार से कई राज्यों के लिए वर्तमान में भी निजी बसें चल रही हैं, लेकिन इनमें से कई बसों की हालत बहुत खराब है। ये बसें बिना किसी निगरानी के अनधिकृत रूप से संचालित हो रही हैं। इन बसों की स्थिति और सुरक्षा पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा होती है।

पीपीपी मॉडल की विशेषताएं
पीपीपी मोड पर चलने वाली बसों पर सीधे राज्य सरकार की निगरानी होगी। सरकार किराया, ठहराव और रूट चार्ट को अनुमोदित करेगी, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होगी। बसों का पूरा रूट चार्ट विभाग के पास रहेगा, जिससे बसों की निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बिहार से दूसरे राज्यों में काम करने वालों को मिलेगी सुविधा
बिहार से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में काम करते हैं। त्योहारों और अन्य मौकों पर उन्हें घर आने और वापस काम पर जाने में कठिनाई होती है क्योंकि नियमित ट्रेनें फुल होती हैं और स्पेशल ट्रेनों में भी सीटें नहीं मिलतीं। निजी बस संचालक इस स्थिति का लाभ उठाकर मनमाना किराया वसूलते हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है।
नीतीश सरकार की पहल
नीतीश सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर बसें चलाने से इन समस्याओं का समाधान होगा। दूसरे राज्यों में काम करने वाले बिहारियों को अब बेहतर और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिलेगा। यह कदम सरकार के प्रयासों का हिस्सा है जिससे राज्य की परिवहन व्यवस्था में सुधार किया जा सके और लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें।
इस नई योजना से न केवल यात्रा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि सरकारी निगरानी के कारण बसों की सुरक्षा और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। यात्रियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य बदलाव साबित होगा।