राजधानी के रैट माइनर वकील हसन के घर पर बुलडोजर का ऐक्शन हो गया है। हसन ने डीडीए पर उनके घर को ढहाने का आरोप लगाया है। इस घटना का मूल कारण उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की बचाव के लिए डीडीए ने अभियान चलाया था, जिसमें हसन भी शामिल थे।
अनुदान का मांगा न्याय
हसन ने बताया कि उन्होंने सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों की मदद की थी और इसके बदले में अपने घर को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि उन्हें न्याय मिले, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
डीडीए का पक्ष
डीडीए ने अभियान को ‘योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा’ माना और अवैध रूप से बने कई मकानों को ध्वस्त किया। पुलिस ने इस अभियान में सहायता की, जिसमें कई अवैध भवनों को नष्ट किया गया।
वकील की बयानबाजी
हसन ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने घर के तोड़े जाने की वारदात को दिखाया है। उन्हें पुलिस स्टेशन जाना पड़ा और वहाँ पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया गया है।
निष्कर्ष
इस घटना ने सामाजिक और कानूनी विवादों की जड़ें फैलाई हैं। इसका संज्ञान लेकर संबंधित प्राधिकरणों को न्याय में निष्पक्ष निर्णय लेने की आवश्यकता है।