दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक अहम सर्कुलर जारी किया है, जिसमें साफ किया गया है कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पूरी तरह एमसीडी की है।
इस प्रक्रिया में पुलिस विभाग की कोई भूमिका नहीं है और न ही निर्माण कार्य के लिए पुलिस की अनुमति आवश्यक है।अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पुलिस विभाग के फील्ड कर्मचारियों को इस विषय में जागरूक किया जाए, ताकि अनावश्यक दखलअंदाजी और भ्रांतियों को दूर किया जा सके।
डीएमसी एक्ट के तहत एमसीडी का अधिकार क्षेत्र
सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम (डीएमसी एक्ट) की धारा 336 के तहत एमसीडी को बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की निगरानी और विनियमन का अधिकार प्राप्त है। स्थानीय निकाय ही निर्माण के लिए लेआउट प्लान और बिल्डिंग प्लान जारी करती है।
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में स्थानीय निकाय के अधिकारी पुलिस से जांच रिपोर्ट मांग सकते हैं, लेकिन इसके अलावा पुलिस की कोई भूमिका नहीं होती। इसलिए पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने फील्ड अधिकारियों को इस बारे में जागरूक करें कि निर्माण कार्य के लिए पुलिस से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
पुलिस दखल की शिकायतें क्यों आती हैं?
तकनीकी रूप से पुलिस को बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, लेकिन कई बार भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आती हैं। पुलिस भले ही सीधे तौर पर कार्रवाई न करे, लेकिन उसके पास यह अधिकार होता है कि यदि उसे किसी अवैध निर्माण की जानकारी मिले, तो वह इसे संबंधित एजेंसी को सूचित कर सकती है।
यही कारण है कि कई लोग पुलिस से डरते हैं, क्योंकि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित एजेंसी निर्माण कार्य पर रोक लगा सकती है। ऐसे मामलों में गलतफहमी और भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है।
सरकार के इस नए निर्देश के बाद उम्मीद की जा रही है कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन को लेकर अनावश्यक पुलिस हस्तक्षेप की समस्या कम होगी और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।