5 नेशनल हाईवे को लेकर आई बड़ी खबर, जानिए कब से शुरू होने जा रहा है दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट, जो मार्च 2019 में शुरू हुआ था, अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरा होने में अब भी दो साल का समय लगेगा। कोटा में अधूरी टनल और वडोदरा-दाहोद में सड़क के काम के चलते एक्सप्रेस-वे अभी अधूरा है। पहले दावा किया गया था कि यह प्रोजेक्ट लोकसभा चुनाव से पहले पूरा हो जाएगा, लेकिन अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इसे दिसंबर तक पूरा करने का दावा किया है।

निर्माण में देरी के कारण
एनएचएआई के प्रोजेक्ट प्रभारी ने कई जगहों पर काम में देरी को जिम्मेदार ठहराया है। इस देरी के चलते मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के कारोबार अभी तक इस एक्सप्रेस-वे से नहीं जुड़ सके हैं। इससे व्यापारिक गति भी प्रभावित हो रही है। मालवा में बनने वाला लॉजिस्टिक पार्क भी अधूरा पड़ा है।

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राष्ट्रीय राजधानी से आर्थिक राजधानी को जोड़ने की कोशिश
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश की राजधानी दिल्ली को वित्तीय राजधानी मुंबई से जोड़ना है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया था। धीमी गति और कई अड़चनों के कारण यह प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

प्रोजेक्ट के उद्देश्यों
इस एक्सप्रेस-वे का मुख्य उद्देश्य कारोबारी राज्यों को सीधे कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इससे मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात सीधे महाराष्ट्र के बंदरगाहों से जुड़ सकेंगे, जिससे एक्सपोर्ट होने वाला सामान आसानी से बंदरगाहों तक पहुंच सकेगा।

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10 हजार करोड़ का काम बाकी
1350 किमी लंबे 8 लेन वाले इस एक्सप्रेस-वे की लागत करीब एक लाख करोड़ रुपये है। मध्य प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ का काम अभी भी बाकी है।
एक्सप्रेस-वे को सोहना एलिवेटेड कॉरिडोर, दिल्ली से दौसा, कोटा, रतलाम, वडोदरा, सूरत के रास्ते महाराष्ट्र में नेहरू बंदरगाह से जोड़ा गया है।
इस इलाके के कारोबारियों को बंदरगाह से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे कम लागत में सामान का एक्सपोर्ट किया जा सकेगा।
अधूरे काम
दाहोद में 40 किमी हिस्से में सड़क का काम अधूरा है।
दिल्ली से वापी के बीच भी परेशानी है, जहां तीन ब्लॉक में काम होना बाकी है। एक हिस्से में 20 किलोमीटर की सड़क नहीं बनी है।
कोटा में 5 किलोमीटर लंबी टनल का काम पूरा नहीं हो पाया है।
इस देरी का असर रतलाम पर पड़ा है, जहां लॉजिस्टिक पार्क का काम अटका हुआ है।

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निष्कर्ष
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को पूरा होने में अब भी समय लगेगा, लेकिन इसके पूरा होने के बाद कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी और व्यापार को पंख लगेंगे। उम्मीद है कि दिसंबर तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और देश की राजधानी को आर्थिक राजधानी से जोड़ने का सपना साकार होगा।