भारतमाला परियोजना नेशनल हाईवे को और मजबूत और बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस परियोजना के अंतर्गत भारत के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा में ले जाया जा रहा है, जिसमें हाईवे, एक्सप्रेसवे, और इंटरकॉनेक्टिंग कॉरिडोर्स शामिल हैं।
विस्तार की योजना
इस परियोजना के तहत 65,000 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण 2 चरणों में किया जाएगा। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी के लिए भी सड़कों का निर्माण होगा।
राष्ट्रीय उद्देश्य
भारत माला परियोजना का मुख्य उद्देश्य है देश के 550 जिलों को कम से कम 4 लेन हाईवे के साथ जोड़ना। इसके साथ ही हाईवे नेटवर्क के 50 कॉरिडोर्स को विकसित किया जाएगा।
एक्सप्रेसवे का निर्माण
भारत माला परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-वडोदरा, वडोदरा-मुंबई, दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना, अहमदाबाद-धोलेरा, दिल्ली-अमृतसर-कटरा, बेंगलुरु-चेन्नई, कानपुर-लखनऊ, अंबाला-कोटपुतली, चेन्नई-सलेम, और अमृतसर-भटिंडा-जामनगर जैसे एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है।
लागत का अद्यतन
पहले चरण में लगभग 34,800 किलोमीटर सड़कों का विकास किया जा रहा है, जिसके लिए प्रारंभिक रूप से 5.35 लाख करोड़ रुपये का बजट आलोचित किया गया था। लेकिन अब इस बजट को बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रुपये किया गया है।
भारतमाला परियोजना के इस अद्यतन बजट और विस्तार से देश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और विश्वसनीय बनाने का प्रयास है। यह नहीं सिर्फ रोड यातायात को अधिक सुगम बनाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।