भारत का रेल नेटवर्क एक और नई क्रांति के लिए तैयार है। वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद अब वंदे मेट्रो की शुरुआत होने वाली है। जुलाई में पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार वंदे मेट्रो, लोकल रूट्स और छोटी दूरी के शहरों के बीच यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जाएगी।
विशेषताएँ और सेवाएँ
वंदे मेट्रो का निर्माण 12 कोच की प्रारंभिक संरचना के साथ होगा, जिसे आगे चार, आठ, 12, या 16 कोच तक विस्तारित किया जा सकता है। इसके डिब्बों में बैठने की व्यवस्था दिल्ली मेट्रो की तरह होगी और अधिकतम यात्री क्षमता के लिए चौड़ी बेंच लगाए जाएंगे। टिकट लेने के लिए रिजर्वेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
मुंबई लोकल का विकल्प
मुंबई में वंदे मेट्रो को स्थानीय ट्रेनों के स्थान पर उपयोग करने की योजना है। इससे मुंबईवासियों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी और उनकी बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी हो रही है।
किराया और यात्रियों के लिए फायदेमंद
वंदे मेट्रो का किराया आम आदमी की पहुंच में होगा। इसकी ट्रेनें तेज गति से दौड़ेंगी, वंदे भारत ट्रेन की तरह। इसके डिब्बों में अधिकतम यात्रियों के खड़े होने और सफर करने की क्षमता होगी।
परिचालन और अनुभव
वंदे मेट्रो 100 किलोमीटर से कम दूरी के शहरों के बीच चलेगी। यह ट्रेन एक रूट पर दिन में 4 से 5 बार यात्रा करेगी। यात्रियों को रैपिड ट्रांजिट का अनुभव मिलेगा, जिससे जॉब करने वाले और छात्रों को कम समय में यात्रा करने में आसानी होगी।