दिल्ली की हवा की गुणवत्ता इस साल फरवरी के बाद से सबसे खराब रही है, जिससे शहर में एक आपात बैठक बुलाई गई। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने सभी एजेंसियों को नुकसान के स्रोतों जैसे निर्माण और विध्वंस गतिविधियों, सड़कों, और खुले स्थानों से उठने वाली धूल को नियंत्रित करने का निर्देश दिया है।
सबसे खराब दर्ज स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी में धूल भरी हवाओं ने स्थिति को बिगाड़ा है। मंगलवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता फरवरी के बाद से सबसे खराब दर्ज की गई। शाम 6 बजे AQI 306 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। पिछली बार 14 फरवरी को दिल्ली में AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया था।
आनंद विहार में सबसे खराब AQI
3 मई के बाद से दिल्ली का AQI ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ था। लेकिन मंगलवार को यह ‘गंभीर’ श्रेणी (401 से 500) में पहुंच गया। पश्चिमी दिल्ली के शादीपुर में AQI 406 और आनंद विहार में AQI 408 दर्ज किया गया।
प्रदूषण के खतरे और उपाय
पर्यावरण मंत्री ने समीक्षा बैठक की है और सभी मंत्री व सीनियर अधिकारियों को ग्राउंड पर उतरने का निर्देश दिया है। सीएक्यूएम ने कहा कि इसके लिए किसी विशेष कारण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए।
गुणवत्ता मानक से 6 गुना ज्यादा
मंगलवार को पूरे शहर में पीएम 10 का स्तर बढ़ गया। पटपड़गंज में मंगलवार सुबह तापमान 637.2 µg/m3 पर पहुंच गया, जो 24 घंटे के राष्ट्रीय मानक 100 µg/m3 से छह गुना ज्यादा है।
एनसीआर के क्षेत्रों में खराब AQI
देश के 237 जगहों में से एनसीआर के क्षेत्रों में सबसे खराब AQI दर्ज किया गया। दिल्ली में AQI 302, फ़रीदाबाद में 303, ग्रेटर नोएडा में 340, और नोएडा में 319 रहा।