22 हजार ई-रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी पर खतरा: जानिए दिल्ली सरकार का नया फैसला

दिल्ली सरकार ने राजधानी में अवैध ई-रिक्शों पर शिकंजा कसते हुए बड़ा फैसला लिया है। परिवहन विभाग अब बिना रजिस्ट्रेशन वाले ई-रिक्शों को जब्त कर सिर्फ 7 दिनों में स्क्रैप कर देगा। यह कदम उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद उठाया गया है। इस फैसले का सीधा असर हजारों ई-रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है।

22 हजार ई-रिक्शा चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट

दिल्ली में लगभग 22 हजार ई-रिक्शा चालक बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन चला रहे हैं। नए आदेश के बाद, पिछले कुछ दिनों में एक हजार से अधिक ई-रिक्शा जब्त किए जा चुके हैं। इससे कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि अधिकांश चालक इस काम पर निर्भर हैं।

एलजी से मिलने की तैयारी में ई-रिक्शा चालक

परिवहन विभाग के इस सख्त फैसले से परेशान ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि वे गरीब आदमी हैं और अगर उन्हें नियमों की जानकारी होती तो वे ऐसा नहीं करते। उनका दावा है कि जिन ई-रिक्शों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, वे केवल बड़ी कंपनियों के हैं और छोटे चालकों को नियमों की कोई जानकारी नहीं है। अपनी समस्या को लेकर चालकों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की योजना बनाई है ताकि उन्हें नियमों के दायरे में लाने के लिए कुछ समय दिया जा सके।

7 दिन में स्क्रैप होंगे जब्त ई-रिक्शा

परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब्त किए गए ई-रिक्शा को महज 7 दिनों में स्क्रैप कर दिया जाएगा। सामान्यतः पंजीकरण प्रक्रिया के लिए 90 दिनों का समय होता है, लेकिन अवैध ई-रिक्शों के मामले में यह समय सीमा घटाकर 7 दिन कर दी गई है। चालकों का कहना है कि 90 दिनों की अवधि में उन्हें अपने ई-रिक्शा वापस लेने का मौका मिल जाता था, जो अब संभव नहीं है।

ई-रिक्शा चालकों की मांग है कि उन्हें नियमों के दायरे में लाने के लिए कम से कम 3-6 महीने का समय दिया जाए ताकि वे अपनी आजीविका को बचा सकें। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए चालकों ने एक बैठक भी आयोजित की है और वे जल्द ही अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के पास जाएंगे।


इस फैसले ने एक ओर जहां अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिश की है, वहीं दूसरी ओर गरीब ई-रिक्शा चालकों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन और ई-रिक्शा चालकों के बीच इस मुद्दे का समाधान कैसे निकलता है।