1 सितंबर 2024 से कुछ मोबाइल यूजर्स को बैंकिंग कॉल, मैसेज और ओटीपी प्राप्त करने में दिक्कत हो सकती है। ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) द्वारा फर्जी कॉल और मैसेज को रोकने के लिए एक नया नियम लागू किया जा रहा है, जो देशभर में लागू होगा। हालांकि, इस नए नियम से फर्जी कॉल और मैसेज को फिल्टर करने के दौरान, बैंकिंग मैसेज और ओटीपी के मिलने में भी बाधा आ सकती है।
अन-रजिस्टर्ड मैसेज और ओटीपी होंगे बंद
ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 1 सितंबर 2024 से उन मैसेज और ओटीपी को ब्लॉक कर दें, जो टेलीकॉम कंपनियों के साथ रजिस्टर्ड नहीं हैं। इसका मतलब है कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों को अपने सभी मैसेज और ओटीपी के टेम्पलेट्स और कंटेंट को 31 अगस्त तक जियो, एयरटेल, और वोडाफोन-आइडिया जैसी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ रजिस्टर्ड कराना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो अन-रजिस्टर्ड मैसेज को ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिससे यूजर्स को ओटीपी मिलने में परेशानी हो सकती है।
नए नियम का असर: ऑनलाइन पेमेंट और डिलीवरी पर असर
इस नए बदलाव का सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर पड़ेगा। ओटीपी न मिलने की स्थिति में ऑनलाइन पेमेंट करने में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, ऑनलाइन शॉपिंग में भी दिक्कत आ सकती है, क्योंकि डिलीवरी के समय ओटीपी की जरूरत होती है। नए नियम के लागू होने के शुरुआती दिनों में, मोबाइल यूजर्स को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से उन मामलों में जहां ओटीपी वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
टेलीकॉम कंपनियों की तैयारी
टेलीकॉम कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर इस बदलाव को लागू करने के लिए ज्यादा समय की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, ट्राई ने इस समय सीमा को बढ़ाने से इंकार कर दिया है। इस बदलाव को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को नए नियमों के साथ तेजी से तालमेल बिठाना होगा, ताकि यूजर्स को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मोबाइल यूजर्स पर क्या होगा असर?
इन नए नियमों का सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर पड़ेगा। ओटीपी न मिलने की स्थिति में मोबाइल यूजर्स को ऑनलाइन पेमेंट और अन्य सेवाओं में समस्या हो सकती है। खासकर, नियम लागू होने के शुरुआती दिनों में, यूजर्स को कुछ असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि ओटीपी के माध्यम से वेरिफिकेशन में देरी।
इसलिए, सभी मोबाइल यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे इन संभावित असुविधाओं के लिए तैयार रहें और अपने संबंधित बैंकों और वित्तीय संस्थानों से संपर्क करें ताकि उनके मैसेज और ओटीपी समय पर और सही तरीके से मिल सकें।