तेल कंपनियों द्वारा चलाई जा रही KYC प्रक्रिया से परेशान LPG ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के नए निर्णय से लाखों एलपीजी गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं की एक प्रमुख चिंता दूर हो गई है।
पुरी ने यह बताया है कि एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए ईकेवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने हेतु कोई निश्चित अवधि निर्धारित नहीं की गई है। फिर भी, उन्होंने कहा कि सही उपभोक्ता तक सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया बेहद जरूरी है, लेकिन इसमें कोई परेशान वाली बात नही हैं।
पुरी ने यह स्पष्टीकरण क्यों दिया है?
दरअसल Hardeep Singh Puri ने यह बात एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर कही है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से keral vidhansabha में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन के एक पत्र का जवाब दिया है, जिसमें सतीशन ने KYC को जरूरी मानते हुए कहा था कि संबंधित गैस एजेंसी में जाकर ही इस प्रक्रिया को पूरा करना ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब है।
पुरी ने जवाब में यह कहा है
सतीशन के पत्र का जवाब देते हुए पुरी ने कहा, ‘तेल और मार्केटिंग कंपनियां फर्जी गैस सिलेंडर ग्राहकों और फर्जी कनेक्शन को खत्म करने के लिए केवाईसी प्रक्रिया चला रही हैं। यह प्रयास नकली व्यावसायिक गैस सिलेंडरों की आरक्षण को रोकने में भी सहायक सिद्ध होता है।
इसी कारण से कंपनियों ने एलपीजी समूहों के लिए ईकेवाईसी प्रणाली शुरू की है, जो गत 8 माह से क्रियान्वित है।’ पुरी ने बताया, ‘इस प्रयास का उद्देश्य केवल असली ग्राहक को एलपीजी सेवा मुहैया कराना और फर्जी कनेक्शन बंद करना है।
यह भी बताया गया कि ईकेवाईसी कैसे की जा रही है
पुरी ने ईकेवाईसी प्रणाली के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि गैस एजेंसी का कर्मचारी स्वयं ग्राहकों के प्रलेखों का प्रमाणीकरण करता है। यह कार्य एलपीजी सिलिंडर की आपूर्ति के दौरान मोबाइल एप्लिकेशन द्वारा संपन्न होता है। कर्मचारी ग्राहक के आधार विवरण को अभिग्रहीत कर एप पर अपलोड करता है। तत्पश्चात ग्राहक के पंजीकृत मोबाइल संख्या पर ओटीपी प्राप्त होता है, जिससे केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण होती है। ग्राहक चाहे तो गैस एजेंसी में जाकर भी इस प्रक्रिया को संपन्न कर सकता है।