दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) ने अपनी गोल्डन लाइन पर छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच 865 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह सुरंग डीएमआरसी के चौथे चरण के तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसे रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है।
सुरंग निर्माण की सफलता
इस सुरंग का निर्माण 97 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के जरिए किया गया, जो महज साढ़े पांच महीने में पूरा हुआ। अब, इस सुरंग के निर्माण के लिए बनाई गई टीबीएम को बाहर निकाल लिया गया है। सुरंग के अंदर अप-और डाउन मूवमेंट के लिए दो समानांतर वृत्ताकार सुरंगें बनाई जा रही हैं।
विवरण और भविष्य की योजना
उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस उपलब्धि का अवलोकन किया और इसे जनता के सामने लाने की बात की। इस सुरंग से एयरोसिटी और तुगलकाबाद के बीच यात्रा करना और भी सुगम हो जाएगा। इस रूट पर 15 स्टेशन बनाए जाएंगे, जो दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में मेट्रो सेवा को विस्तारित करेंगे।
सुरक्षा और निर्माण के महत्वपूर्ण पहलू
सुरंग निर्माण के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया। निर्माण के दौरान जमीन की हलचलों की निगरानी की गई और आसपास की संरचनाओं को किसी भी संभावित नुकसान से बचाया गया।
चौथे चरण की कुल योजनाएं
चौथे चरण में 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनें बनाई जाएंगी, जिनमें से 19.343 किलोमीटर भूमिगत रूट हैं। इस प्रोजेक्ट में सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं का विशेष ध्यान रखा गया है, जिसमें ईपीबीएम तकनीक और भाप शोधन प्रणाली का उपयोग शामिल है।
सुरंग निर्माण से जुड़े प्रमुख आंकड़े
- सुरंग की गहराई लगभग 15 मीटर है।
- कुल 618 रिंग्स का उपयोग किया गया है, और सुरंग का व्यास 5.8 मीटर है।
- विद्युत लाइनों के स्थानांतरण जैसी चुनौतियों का सामना किया गया।
- येलो लाइन पर ट्रेन संचालन को बिना बाधित किए निर्माण कार्य पूरा किया गया।
दिल्ली मेट्रो की इस नई सुरंग से राजधानी के यातायात को और भी सुगम और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।